Russia-Ukraine War: राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने जानबूझ कर सऊदी अरब के रियाद में हुई युद्ध रोकने की बैठक से दूरी बना ली और उसी समय तुर्की के दौरे पर चले गए.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के कराने के लिए रूसी और मध्यस्थ अमेरिकी अधिकारियों ने एक दिन पहले बैठक की है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने जानबूझ कर सऊदी अरब के रियाद में हुई युद्ध रोकने की बैठक से दूरी बना ली और उसी समय तुर्की के दौरे पर चले गए. वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रेयर अर्थ मटेरियल तक पहुंच वाला अमेरिका का प्रस्ताव अनुचित है. उन्होंने दावा किया कि इसमें सुरक्षा गारंटी शामिल नहीं है.
डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था प्रस्ताव
दरअसल, तुर्की के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को तुर्की मीडिया के सामने यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को राजनीतिक अलगाव से बाहर निकाल दिया है. लेकिन जब अमेरिका कहता है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए यह हमारी योजनाएं हैं, तो यह हमारे लिए सवाल खड़े करता है कि हम कहां हैं? हम वार्ता की मेज पर कहां हैं? यह युद्ध यूक्रेन के अंदर हो रहा है.
उन्होंने कहा कि वार्ता की मेज पर ऐसे लोग होने चाहिए जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर को रोक सकें और हमें सच्चे वादे के साथ ठोस सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए. साथ ही जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण खनिज सौदे के लिए अमेरिका का प्रस्ताव अनुचित है, क्योंकि इसमें यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी शामिल नहीं है. साथ ही दावा किया कि वह नहीं चाहते कि यूक्रेन कच्चे माल का केंद्र बन जाए. बता दें कि 4 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्ताव दिया था कि रूस के खिलाफ युद्ध में वह अमेरिका का समर्थन जारी रखेंगे, अगर यूक्रेन अपने रेयर अर्थ मटेरियल तक पहुंच के लिए समझौता करे.
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अमेरिका की जल्दबाजी पड़ेगी भारी
बता दें कि साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन का साथ देते हुए रूस को अलग-थलग करने का कड़ा रुख अपनाया था. वहीं, एक दिन पहले अमेरिकी और रूसी वार्ताकारों के बीच हुई प्रारंभिक बैठक के साथ ही अमेरिका का दृष्टिकोण रूस के लिए नाटकीय रूप से बदल गया. ऐसी स्थिति में यूक्रेन और यूरोपीय देशों ने आरोप लगाया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही यूक्रेन की कई मांगो को खारिज कर व्लादिमीर पुतिन ने वार्ता शुरू होने से पहले ही रियायतें दे दी हैं.
यूक्रेन में रूस के युद्ध को समाप्त करने की डोनाल्ड ट्रंप की जल्दबाजी ने व्लादिमीर पुतिन के साथ शांति समझौते को लेकर कई तरह की आशंकाएं बढ़ा दी हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका की जल्दबाजी यूक्रेन और यूरोप की सुरक्षा को कमजोर कर सकता है तथा भू-राजनीति को बदल सकता है. बता दें कि यूक्रेन समेत कई देशों ने अब यूरोपीय सेना बनाने की मांग भी रखी है. साथ ही शांति सैनिकों को भी तैनाती की मांग की जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पहले ही डोनाल्ड ट्रंप के इरादों को भांप लिया था.
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