रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सुरक्षा,स्थिरता और शांति भारत का मूल मंत्र है. भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है और न ही वह किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल हुआ है.
NEW DELHI: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सुरक्षा,स्थिरता और शांति भारत का मूल मंत्र है. भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है और न ही वह किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल हुआ है.हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं. यह हमारे मौलिक आदर्शों का हिस्सा है. रक्षा मंत्री सोमवार (10 फरवरी) को बेंगलुरु (कर्नाटक) के येलहंका वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया के 15वें संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
इस मौके पर कहा कि एयरो इंडिया 2025, महत्वपूर्ण और सीमांत प्रौद्योगिकियों का संगम है, जो समान विचारधारा वाले देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि स्थायी शांति तभी हासिल की जा सकती है जब राष्ट्र एक साथ मजबूत बनें और बेहतर विश्व व्यवस्था के लिए काम करें. रक्षा मंत्री ने कहा कि पांच दिवसीय कार्यक्रम में दुनिया भर से सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग जगत के नेता, वायुसेना अधिकारी, वैज्ञानिक, रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप, शिक्षाविद और अन्य हितधारक भाग लेंगे और यह संगम भारत के भागीदारों को सभी के करीब लाएगा.
विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर तेजी से बढ़ रहा है भारतः राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री ने बताया कि वैश्विक अनिश्चितता के वर्तमान माहौल में भारत एक ऐसा बड़ा देश है जो शांति और समृद्धि देख रहा है. भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है और न ही वह किसी बड़ी शक्ति की प्रतिद्वंद्विता में शामिल हुआ है. हम हमेशा शांति और स्थिरता के समर्थक रहे हैं. यह हमारे मौलिक आदर्शों का हिस्सा है. राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहा है. तेजी से विकासशील से विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है.
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रक्षा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को दे रहा मजबूती
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के ठोस, निरंतर और सुविचारित रोडमैप के कारण देश में एक जीवंत और संपन्न रक्षा उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा औद्योगिक क्षेत्र, जिसे पहले राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के घटक के रूप में नहीं देखा जाता था, आज समग्र अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब एक मोटर है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास इंजन को शक्ति प्रदान कर रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन हुआ ह. जिसमें पूंजी अधिग्रहण के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं, इस बात का प्रमाण है कि सरकार रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र मानती है.
राजनाथ सिंह ने इस समग्र विकास गाथा में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. कहा कि निजी क्षेत्र आर्थिक मुख्यधारा में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है. अपनी प्रेरणा, लचीलेपन और उद्यमिता के कारण यह क्षेत्र देश में समृद्धि की एक नई लहर लाने में सक्षम है. रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्माता रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे है. उन्होंने गुजरात में सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन के लिए टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस के बीच संयुक्त उद्यम को इस सहयोग का एक चमकदार उदाहरण बताया.
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दुनिया के लिए पसंदीदा बना भारत एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और कॉम्प्लेक्स सिस्टम असेंबली
उन्होंने कहा कि आज भारत एयरोस्पेस कंपोनेंट्स और कॉम्प्लेक्स सिस्टम असेंबली के लिए विश्व स्तर पर पसंदीदा गंतव्य बन गया है . एयरो इंडिया की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि एस्ट्रा मिसाइल, नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, मानव रहित सतह पोत, पिनाका गाइडेड रॉकेट जैसे कई उच्च तकनीक उत्पाद देश के भीतर निर्मित किए जा रहे हैं. एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी में अगले पांच दिनों में वैश्विक एयरोस्पेस कंपनियों के अत्याधुनिक उत्पादों के साथ-साथ भारत की हवाई शक्ति और स्वदेशी अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन भी किया जाएगा.
कहा कि यह आयोजन स्वदेशीकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बनाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा, जिससे प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प को बल मिलेगा. इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिव कुमार, रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर उपस्थित थे.
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