29 Feb 2024
दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी 2015 में सरकार बनी थी तो इस वादे के साथ आए थे कि महिलाओं की सुरक्षा लेकर जितना बन पड़ेगा उतना हम करेंगे। दिल्लीवासियों की सुरक्षा की गारंटी दिल्ली पुलिस की है, लेकिन पुलिस की जिम्मेदारी हमारे पास नहीं है। फिर हमारे दायरे में जो कुछ आता है वो हमने किया है। हमने दिल्ली में इतने सीसीटीवी कैमरे लगा दिए कि दुनिया के देशों के बड़े शहरों में नहीं लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्य हमने पिछले पांच सालों में करके दिखाया है। इसके साथ ही जितने डार्क स्पोट थे वहां पर हमने स्ट्रीट लाइट लगवाईं और उसी दिशा में हमने बस मार्शल की नियुक्ति की है।
मार्शलों की नियुक्ति महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई
सीएम केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ बसों में मार्शलों की नियुक्ति के साथ पैनिक बटन भी लगाए गए। बसों में न केवल सुरक्षा का मामला है बल्कि जेब-कतरे आते हैं चोरी के साथ छेड़छाड़ भी करते हैं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शलों को लेकर एक पर्पोशल बनाया गया। इसी बीच अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि LG साहब ने अफ़सरों को बुला कर धमकाया कि बस मार्शलों की स्कीम बंद की जाए, अगर ना की तो उनके पीछे ED छोड़ दी जायेगी। वरना ऐसा क्या हो गया कि जिन अफ़सरों के ज़रिए बस मार्शलों की नियुक्ति होती थी, उन्हें ही बस मार्शलों की नियुक्ति ग़लत लगने लगी।
मैं दिल्लीवासियों पर 280 की जगह 2800 करोड़ खर्च करूंगा – दिल्ली CM
दिल्ली सीएम ने कहा कि जब मुझे पता चला कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को LG साहब हटा रहे हैं तो मैं उनसे मिलने गया तब मुझ से उप राज्यपाल कहते कि बसों में सीसीटीवी लगे हैं तो क्या ज़रूरत है सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स पर 280 करोड़ ख़र्च करने की? उस दौरान मैंने कहा कि दिल्ली के लोग मेरे हैं, मैं उन पर 280 करोड़ तो क्या, 2800 करोड़ भी खर्च करूंगा। सीएम केजरीवाल ने कहा कि अब मैं LG साहब से कहना चाहता हूं कि राज्यपाल आवास के चारों तरफ़ CCTV लगे हैं तो आपको सुरक्षा की क्या ज़रूरत है, सुरक्षा छोड़ दो।
दिल्ली के एलजी की भाषा बहुत गंदी
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि इसकी भाषा बहुत गंदी है, इसके बाद मुख्यमंत्री ने चिट्ठी को पढ़ते हुए कहा कि पेटी पॉलिटिक्स के गेम के लिए काम कर रहे हो। उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा का प्रयोग करना शोभा नहीं देता। हमने काम किया है तभी तो लोगों ने 3 बार चुना है, ऐसे तो नहीं इनकी 3 बार जमानत ज़ब्त करवाई है। बातचीत करने से समस्या का समाधान होता है अगर इनकी नीयत ठीक हो तो।