हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है, कभी अखबार पढ़ लेना कभी अखबार हो जाना.
बड़े ताबां बड़े रौशन सितारे टूट जाते हैं, सहर की राह तकना ता सहर आसां नहीं होता.