Home RegionalBihar नीतीश की पहलः बिहार में खत्म होगा बिजली संकट,भागलपुर में बनेगा नया थर्मल पावर प्लांट

नीतीश की पहलः बिहार में खत्म होगा बिजली संकट,भागलपुर में बनेगा नया थर्मल पावर प्लांट

by Sanjay Kumar Srivastava
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thermal power plant

आने वाले दिनों में बिहार के लोगों को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए नीतीश सरकार प्रयास कर रही है. बिजली संकट से आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा.

BIHAR NEWS: आने वाले दिनों में बिहार के लोगों को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए नीतीश सरकार प्रयास कर रही है. बिजली संकट से आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं. इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा. इस परियोजना के लिए नीतीश सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस प्लांट में 2030 तक बिजली उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है.

नीतीश सरकार ने राज्य में बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2400 मेगावाट क्षमता वाले नए थर्मल पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी. यह भागलपुर जिले का दूसरा थर्मल पावर प्लांट होगा. यहां पहले से ही NTPC का कहलगांव थर्मल पावर प्लांट (2300 मेगावाट) चल रहा है.बता दें कि बिहार में औद्योगिकीकरण और बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

यह थर्मल पावर प्लांट राज्य के लिए निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. साथ ही राज्य के औद्योगिक विकास में भी मदद करेगा. इस परियोजना को लेकर बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड ने पूरी तैयारी कर ली है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. परियोजना की कुल क्षमता 2400 मेगावाट है.इसकी अनुमानित लागत लगभग 20 हजार करोड़ होगी.लगभग 1020.60 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है.

झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से होगी कोयले की आपूर्ति

प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से होगी. 2029 से राजमहल कोल ब्लॉक से 60 मिलियन मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन शुरू होगा, जिसमें से 12 मिलियन मीट्रिक टन कोयला पीरपैंती थर्मल प्लांट को मिलेगा. इससे प्लांट को बिना किसी बाधा के कोयला आपूर्ति मिलती रहेगी. अब तक 1,020.60 एकड़ भूमि अधिग्रहण पूरा किया जा चुका है, जिसमें करीब दो हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह भूमि पीरपैंती अंचल के हरिणकौल, श्रीमतपुर, रायपुरा, सुंदरपुर और टुंडवा-मुडवा मौजा से अधिग्रहित की गई है.

ये भी पढ़ेंः ‘लालू ने अहमियत दी…’, बिहार में पशुपति पारस ने कर दिया ‘खेला’; अब क्या करेंगे नीतीश कुमार

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