वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश बजट में देश की सुरक्षा का भी ध्यान रखा है. भारतीय सीमाएं सुरक्षित रहें, इसके लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.
NEW DELHI: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश बजट में देश की सुरक्षा का भी ध्यान रखा है. भारतीय सीमाएं सुरक्षित रहें, इसके लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.जहां दुनिया आधुनिक युद्ध के बदलते माहौल को देख रही है, वहीं भारतीय सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की जरूरत है. उन्हें तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध के लिए तैयार बल में बदलना होगा. इसे ध्यान में रखते हुए रक्षा बलों के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रक्षा मंत्रालय ने सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया था. तब से आधुनिकीकरण बजट का एक बड़ा हिस्सा देश की सेना को मजबूत करने में खर्च किया जा रहा है. धन के इस आवंटन से रक्षा मंत्रालय की साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में उद्यम करने की योजना को और सुविधा मिलेगी.
अगले वर्ष कुछ प्रमुख अधिग्रहणों की योजना बनाई गई है जैसे लॉन्ग एंड्योरेंस रिमोटली पायलटेड उच्च और मध्यम ऊंचाई के विमान, डेक-आधारित विमान के चरण भुगतान, अगली पीढ़ी की पनडुब्बियों/जहाजों/प्लेटफार्मों को इस आवंटन से वित्त पोषित किया जाएगा. मिले धन से राशन,ईंधन,आयुध भंडार की खरीद और उपकरणों के रखरखाव व मरम्मत आदि भी किया जाएगा.
रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करना
सशस्त्र बलों को रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा क्षेत्र में तकनीकी विकास जरूरी है. इस उद्देश्य के लिए, IDEX योजना के लिए 449.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
आधुनिक उपकरणों से लैस होगा भारतीय तटरक्षक बल
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) को पूंजी और राजस्व मद के तहत 9,676.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कि बीते चरण में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आवंटन से 26.50% अधिक है. इस धन से सरकार तटरक्षक बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करेगी. आईसीजी न केवल तटीय सुरक्षा को मजबूत करता है बल्कि आपातकालीन स्थिति के दौरान तेज प्रतिक्रिया के माध्यम से पड़ोसी देशों और वाणिज्यिक जहाजों को सहायता भी प्रदान करता है.
सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
सीमा पर बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने व कठिन इलाकों में सशस्त्र बल के जवानों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमा सड़क संगठन को 7,146.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. आवंटित धन से न केवल अरुणाचल प्रदेश में एलजीजी-दमतेंग-यांग्त्से, जम्मू-कश्मीर में आशा-चीमा-अनीता जैसी सुरंगों, पुलों और सड़कों का निर्माण होगा बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र के रणनीतिक हित को भी बढ़ावा मिलेगा. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय बजट को प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक कदम बताया.
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