बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने किसानों की भी मुराद पूरी कर दीं.उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया है, जबकि पहले यह तीन लाख थी.
UNION BUDGET 2025: बजट में वित्तमंत्री सीतारमण ने किसानों की भी मुराद पूरी कर दीं.उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया है, जबकि पहले यह तीन लाख थी.किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) एक तरह का ऋण है जो किसानों को खेती के लिए दिया जाता है. इस लोन पर सरकार ब्याज दर भी कम लेती है.
इन रुपयों से किसानों को खेती के लिए खाद,बीज,दवाइयां और अन्य सामान खरीदने में आसानी होती है.मालूम हो कि पहले KCC के जरिए किसानों को अधिकतम तीन लाख रुपए तक का लोन मिलता था,लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया गया है. वित्त मंत्री बजट भाषण की शुरुआत में ही किसानों के लिए यह बड़ी घोषणा कर दी। हालांकि किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की मांग किसान लंबे समय से कर रहे थे. बजट में सरकार ने इस मांग को मानते हुए किसानों को बड़ी राहत दी है.अब किसानों को खेती करने के लिए जरूरी पैसा आसानी से मिल सकेगा.
कम कृषि उत्पादकता वाले 100 जिलों पर फोकस
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है. इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा. इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे. कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करेगी ताकि पलायन एक विकल्प बन जाए,जरूरत नहीं.
ये बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने वालाः निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है. बजट में प्रस्तावित विकास उपाय,गरीब,युवा,अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखते हुए 10 क्षेत्रों को कवर किया गया है.
इनमें कृषि विकास और उत्पादकता को गति देना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलने, भारत में विनिर्माण बढ़ाने और मेक इन इंडिया को आगे ले जाने, एमएसएमई को मदद देने, रोजगार और विकास को समर्थ बनाने, जनता-अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और नवाचार को पोषित करने पर फोकस किया जाएगा.
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