वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए बिहार के लिए बड़ा एलान किया है. उन्होंने बिहार में मखाना बोर्ड की घोषणा की है. मालूम हो कि बिहार में मखाने का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है.
UNION BUDGET 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए बिहार के लिए बड़ा एलान किया है. उन्होंने बिहार में मखाना बोर्ड की घोषणा की है. मालूम हो कि बिहार में मखाने का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. भारत में कुल उत्पादन का 85% से अधिक मखाना बिहार में ही होता है. मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा और कटिहार जिलों में मखाने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
इस मौके पर वित्तमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें. मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा. यह बोर्ड किसानों को खेती के नए प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है. इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा.जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना होगी शुरुआत
वित्त मंत्री ने 1.7 करोड़ किसानों के फायदे के लिए भी पिटारा खोला. कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे.पटना एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा. बिहार के मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना शुरू की जाएगी. इसके दायरे में 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को लाभ मिलेगा.
बजट से IIT पटना को फायदा
पिछले 10 वर्ष में IIT में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 65 हजार से बढ़कर 1.3 लाख होगी. 6500 और छात्रों को प्रवेश देने और उनके छात्रावास बनाने के लिए मदद दी जाएगी. IIT पटना में बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जाएगा, जिससे छात्रों को और सुविधा मिल सके.
बिहार में बनेगा राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान
वित्त मंत्री ने बजट में यह भी ऐलान किया है कि बिहार में राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान बनेगा.फुटवियर और चमड़ा उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा भारत को खिलौनों का ग्लोबल हब भी बनाया जाएगा. राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की शुरुआत की जाएगी. इसमें क्लीन टेक विनिर्माण पर जोर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी,उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान
बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी,उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (National Institute of Food Technology, Entrepreneurship and Management) शुरू किया जाएगा. इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी. यह किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा. साथ ही युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार प्राप्त करने के भी अवसर पैदा करेगा. निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की है कि देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों के साथ मिलकर विकसित किया जाएगा. रोजगार आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा.
होम स्टे के लिए मुद्रा लोन दिया जाएगा. इसके अलावा एससी, एसटी महिला उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिसमें अगले पांच वर्षों में 2 करोड़ रुपये तक का टर्म लोन होगा. बजट में यह भी घोषणा की गई कि 1.5 लाख करोड़ का बजटीय प्रावधान राज्यों को सुधारों के लिए दिया जा रहा है. इससे अधोसरंचना को बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह आवंटन राज्यों को ब्याज मुक्त किया जाएगा. एक लाख करोड़ रुपये से अर्बन चैलेंज फंड बनेगा। इस कोष से शहरों में व्यवस्थाओं में सुधार लाया जा सके।
ऊर्जा क्षेत्र में होगा सुधार
अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन क्षमताओं को बेहतर किया जाएगा। 100 गीगावॉट की परमाणु ऊर्जा क्षमता को 2047 तक विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. नई उड़ान योजना के तहत 120 नए स्थानों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और अगले 10 वर्ष में चार करोड़ यात्रियों की मदद करने पर जोर दिया जाएगा.
फुटवियर और लेदर क्षेत्रों को भी दिया जाएगा बढ़ावा
फुटवियर और लेदर के क्षेत्रों के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी. भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए नॉन लेदर क्वालिटी के फुटवियर के उत्पादन की मशीनरी, डिजाइन क्षमता, मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाली चीजों को सस्ता किया जाएगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शिक्षा के लिए उत्कृष्ट संस्थान की संस्थापना की जाएगी. मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी.सभी जिला अस्पतालों में डे केयर केंसर सेंटर बनाए जाएंगे.2025-26 में ऐसे 200 सेंटर बनाए जाएंगे. बजट में अटल टिंकरिंग लैब से नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार लैब स्थापित किए जाएंगे.
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के तहत आठ करोड़ बच्चों, एक करोड़ गर्भवती महिलाओं और किशोरवय की 20 लाख बच्चियों को इससे फायदा मिलेगा.
पहली बार उद्यमी बनने वालों को सरकार देगी प्रोत्साहन
पहली बार उद्यमी बनने वालों को सरकार दो करोड़ रुपये का टर्म लोन देगी. इसके दायरे में पांच लाख महिलाएं और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोग दायरे में आएंगे. सरकार सब्जियों और फलों के लिए आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी.यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया है. इसमें 12.78 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा. राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का क्रियान्वयन किया जाएगा.
ये बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने वालाः निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास की रफ्तार बढ़ाने, समग्र विकास करने, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने, घरेलू संवेदनाओं को मजबूत करने और मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने की कोशिशों का हिस्सा है. बजट में प्रस्तावित विकास उपाय,गरीब,युवा,अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखते हुए 10 क्षेत्रों को कवर किया गया है. इनमें कृषि विकास और उत्पादकता को गति देना, ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण, समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलने, भारत में विनिर्माण बढ़ाने और मेक इन इंडिया को आगे ले जाने, एमएसएमई को मदद देने, रोजगार और विकास को समर्थ बनाने, जनता-अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करने, ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और नवाचार को पोषित करने पर फोकस किया जाएगा।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों पर फोकस
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है. इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा. इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे. कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करेगी ताकि पलायन एक विकल्प बन जाए, जरूरत नहीं.
दलहन में आत्मनिर्भरता पर सरकार का जोर
इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा. सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके. नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी. इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से ये दालें खरीदी जाएंगी.
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