सियासी हानि-लाभ और संगठन की दृष्टि से स्वीकार्यता पर गहन मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने प्रदेश अध्यक्ष का चयन ओबीसी समाज से ही करने का मन बना चुकी है.
Lucknow: सियासी हानि-लाभ और संगठन की दृष्टि से स्वीकार्यता पर गहन मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने प्रदेश अध्यक्ष का चयन ओबीसी समाज से ही करने का मन बना चुकी है.इस तरह यह तीसरा मौका होगा, जब भाजपा का कोई प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी समाज से होगा. इस पद की रेस में एक केंद्रीय मंत्री,एक राज्यसभा सांसद और एक पूर्व सांसद को आगे बताया जा रहा है. हालांकि पार्टी का एक वर्ग अभी भी ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष की उम्मीद लगाए बैठा है.
भाजपा में अभी जिलाध्यक्षों का ऐलान हुआ है, जो पांच फरवरी के बाद संभावित है. इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा फरवरी के अंत तक होने की संभावना है. भाजपा के संगठनात्मक चुनाव में ज्यादातर जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम पर सहमति बन गई है. प्रदेश चुनाव अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह अब नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मंथन में जुटे हैं.
शीर्ष नेतृत्व भी गहनता से कर रहा विचार-विमर्श
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत प्रदेश के अन्य प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए संभावित नेताओं की सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी. वैसे केंद्रीय नेतृत्व अपने स्तर से भी इस मामले में विचार-विमर्श कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ होने वाली यूपी के प्रमुख भाजपा नेताओं की हर मुलाकात में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी चर्चा हो रही है.
सर्वसम्मति से नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय करने की कोशिश
समय-समय पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच होने वाली समन्वय बैठकों में भी नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर चर्चा शुरू हो गई है. कोशिश की जा रही है कि सर्वसम्मति से नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो सके. फिलहाल ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना को देखते हुए केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, राज्यसभा सांसद और पार्टी के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्या और पूर्व सांसद रेखा वर्मा को रेस में आगे माना जा रहा है. बीएल वर्मा ओबीसी की लोध जाति से आते हैं तो रेखा वर्मा कुर्मी जाति से हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के बाद पार्टी किसी लोध नेता को प्रदेश में बड़ा चेहरा बनाना चाहती है.
हालांकि कल्याण सिंह के पोते और पूर्व सांसद राजवीर सिंह के पुत्र संदीप सिंह फिलहाल सरकार में मंत्री हैं. पार्टी का एक तबका प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में है.स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी जाति के हैं और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से पहले वही प्रदेश अध्यक्ष थे.बताया जाता है कि स्वतंत्र देव सिंह की कार्यकर्ताओं में अच्छी पैठ मानी जाती है. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वह खासे लोकप्रिय थे.
योगी आदित्यनाथ की पसंद का भी रखा जाएगा ख्याल
एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद हैं. उनके कार्यकाल में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल रहा, जिसकी बदौलत भाजपा दूसरी बार बहुमत के साथ सत्ता में आने में सफल रही.ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष की प्रबल संभावनाओं के बीच पार्टी के भीतर ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की दलील भी दी जा रही है.
ऐसे में प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा और ब्रज बहादुर उपाध्याय के अलावा बस्ती के पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी को भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में माना जा रहा है.हाल के वर्षों में डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई और डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. दोनों के कार्यकाल भाजपा के लिए परिणामदायक रहे हैं.
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लखनऊ से राजीव ओझा की रिपोर्ट