Ram Gopal Varma: मशहूर फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के सामने बड़ी मुश्किल आ गई है. मुंबई की एक अदालत ने लंबे समय से चल रहे चेक बाउंस मामले में उन्हें तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है.
Ram Gopal Varma: मशहूर फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के सामने बड़ी मुश्किल आ पड़ी है. उन्हें मुंबई की एक अदालत ने लंबे समय से चल रहे चेक बाउंस मामले में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है. 7 सालों से चल रहे इस कानूनी लड़ाई का आज फैसला आने के बाद अंत हो गया है. उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है. अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में फैसला सुनाने के लिए मंगलवार यानी 21 जनवरी की तारीख तय की थी, जो फिल्म निर्माता की ओर से अपनी आने वाली फिल्म सिंडिकेट की घोषणा करने से एक दिन पहले की बात है.
फैसला आने में लग गए 7 साल
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सात साल तक मामले की सुनवाई के बाद मुंबई की अदालत ने आखिरकार आज उनके नाम पर गैर-जमानती वारंट जारी किया है. राम गोपाल वर्मा को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी पाया गया है.
राम को हो सकती है अतिरिक्त कैद की सजा
यह विशेष अधिनियम अपर्याप्त धनराशि या खाते में तय राशि से अधिक होने की वजह से चेक अनादर के लिए दंडनीय है. जेल की सजा के अलावा राम गोपाली वर्मा को शिकायतकर्ता को क्षतिपूर्ति के रूप में 3.75 लाख रुपये भी देने होंगे और अगर वह तीन महीने में ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त कैद की सजा दी जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
यहां बता दें कि यह मामला श्री नाम की कंपनी की ओर से महेशचंद्र मिश्रा के जरिए 2018 में राम गोपाल वर्मा की फर्म के खिलाफ दायर की गई शिकायत से शुरू हुआ है. इसमें आरोप लगाया गया था कि राम गोपाल वर्मा की ओर से जारी किया गया चेक कम राशि के कारण बाउंस हो गया था. जून 2022 में निदेशक को व्यक्तिगत मुचलका और 5000 रुपये की सुरक्षा जमा राशि प्रदान करने के बाद जमानत दे दी गई थी. मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के तहत कोई ‘सेट-ऑफ’ नहीं होगा, क्योंकि राम गोपाल वर्मा मुकदमे के दौरान हिरासत में नहीं थे. कई सुनवाई और कानूनी कार्यवाही के बाद अदालत ने फिल्म निर्माता के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.
रामगोपाल वर्मा का बयान
कोर्ट का फैसला आने के बाद रामगोपाल वर्मा ने कहा कि मेरे और अंधेरी कोर्ट के बारे में आई खबरों के संबंध में, मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यह 2 लाख 38 हजार रुपये की राशि के 7 साल पुराने मामले से संबंधित है, जो एक पुराने कर्मचारी से संबंधित है. यह 2.4 लाख रुपये की मामूली रकम को निपटाने के बारे में नहीं है, बल्कि फर्जीवाड़ा करने के प्रयासों में शोषण से इन्कार करने के बारे में है.
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