रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ भारत को सशक्त बनाने और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के अभियान के साथ 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 76 वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपने अत्याधुनिक मिसाइल व हथियारों का प्रदर्शन करेगा.
New Delhi : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भारत को सशक्त बनाने और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के अभियान के साथ 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 76 वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अपने अत्याधुनिक मिसाइल व हथियारों का प्रदर्शन करेगा.
स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन रहेगा आकर्षण का केंद्र
DRDO की झांकी का विषय ‘रक्षा कवच -बहुक्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहुस्तरीय संरक्षण’ होगा, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम,155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना,रोकना और नष्ट करना,सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली,मध्यम शक्ति रडार – अरुध्रा,उन्नत हल्के वजन के टारपीडो,इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली-धर्मशक्ति, लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार,बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल शामिल होंगे.
लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल का भी होगा प्रदर्शन
इसके अलावा DRDO की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी में प्रदर्शित किया जाएगा. इसमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’, दिव्यास्त्र -कई स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन,’ज़ोरावर’ हल्का टैंक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (श्येन) के साथ डोर्नियर का रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड सम्मिलित है.
DRDO सटीकता,आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल भी प्रदर्शित करेगा, जिसे अत्याधुनिक तकनीक के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है, जो इसकी ताकत को और बढ़ा देता है। परेड के दौरान विभिन्न सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में डीआरडीओ द्वारा विकसित नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित की जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा DRDO
मालूम हो कि डीआरडीओ मुख्य रूप से ‘मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड’के लक्ष्य को साकार करने के लिए कई अत्याधुनिक सैन्य प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के डिजाइन और विकास में लगा हुआ है। डीआरडीओ महत्वपूर्ण प्रणालियों को विकसित करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’की भावना को मजबूत करने के लिए रक्षा इकोसिस्टम के सभी हितधारकों के साथ भागीदारी कर रहा है।
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