Delhi Election 2025: सियासी जानकारों की मानें तो दिल्ली में AAP-BJP के बीच मुख्य मुकाबला है, लेकिन कांग्रेस की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण दिख रही है.
Delhi Election 2025: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर शह और मात का खेल जारी है. एक ओर AAP यानी आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में आने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. वहीं, BJP यानी भारतीय जनता पार्टी भी 26 साल का सूखा खत्म करने की कोशिश में है. इस बीच कांग्रेस अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला किसके लिए वरदान साबित होगा.
BJP को हो सकता है सीधा फायदा
बता दें कि दिल्ली में AAP, BJP और कांग्रेस में एक-दूसरे के बीच जमकर वार पलटवार का दौर जारी है. सियासी जानकारों की मानें तो दिल्ली में AAP और BJP के बीच मुख्य मुकाबला है, लेकिन कांग्रेस की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण दिख रही है. कांग्रेस इस चुनाव में अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है.
इस बीच राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो AAP और कांग्रेस की लड़ाई में BJP को बड़ा फायदा होने वाला है. दिल्ली में ऐसी करीब 24 विधानसभा सीटें हैं, जहां कांग्रेस के चलते AAP को बड़ा नुकसान हो सकता है. वहीं, इसका फायदा सीधा BJP को हो सकता है. प्रतिष्ठा बचाने के लड़ाई लड़ रही कांग्रेस अगर इन सीटों पर 10 हजार मतदाताओं का भी ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब होती है, तो AAP के प्रत्याशियों की हार की संभावना बढ़ जाएगी.
फंस गई अरविंद केजरीवाल की सीट
विधानसभा सीटों के लिहाज से कांग्रेस AAP की मुश्किलें बढ़ा सकती है. AAP के कई प्रमुख उम्मीदवार इस मुकाबले में फंसते हुए दिख रहे हैं. इसमें नई दिल्ली विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां से खुद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल मैदान में हैं. पिछले दो चुनाव में उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की है.
साल 2020 के चुनाव में हार जीत का अंतर 20 हजार से ज्यादा था. वहीं, साल 2015 के चुनाव में हार जीत का अंतर 32 हजार था. इन दोनों ही मुकाबले में BJP दूसरे नंबर पर थी. इस बार यहां तीनों दलों से दिग्गज नेता चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल का भविष्य कांग्रेस तय करेगी. इस सीट पर BJP से प्रवेश वर्मा और कांग्रेस से संदीप दीक्षित मैदान में है.
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AAP की 24 सीटें मुश्किल में फंसी
वहीं, दिल्ली की कालकाजी सीट पर भी साल 2020 में हार जीत का अंतर 11 हजार था. इस बार के AAP की आतिशी चुनाव में BJP से रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस से अलका लांबा मैदान में हैं. पटपड़गंज विधानसभा सीट पर AAP के अवध ओझा मैदान में हैं. इस सीट पर साल 2020 के चुनाव में हार जीत का अंतर तीन हजार था. इस बार BJP ने रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस ने अनिल चौधरी को टिकट दिया है.
इसके अलावा जंगपुरा सीट पर हार जीत का अंतर साल 2020 में 16 हजार था. इस बार AAP के मनीष सिसोदिया, BJP के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी मैदान में हैं. इस लिहाज से कुल 24 सीटें मुश्किल में फंसी है. हालांकि, BJP इस समीकरण से आश्वस्त नहीं दिख रही है.
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