TikTok: टेस्ला के CEO और अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को खरीद सकते हैं. इस बात की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी है.
TikTok: अमेरिका की सत्ता संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप कई बड़े और अहम फैसले ले रहे हैं. इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि टेस्ला के CEO और अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को खरीद सकते हैं. इस बात की जानकारी खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी है. उन्होंने मंगलवार को अपने एक बयान में इसका जिक्र किया है.
अमेरिका में हैं 17 करोड़ टिकटॉक के यूजर्स
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अगर टेस्ला के CEO एलन मस्क को सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को खरीदने के लिए राजी कर लिया जाए, तो वह इसके लिए तैयार हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा है कि मैंने टिकटॉक के मालिकों से मुलाकात की है. इसलिए मैं सोच रहा हूं कि इसे खरीदें और आधा संयुक्त राज्य अमेरिका को दें. गौरतलब है कि अमेरिका में 17 करोड़ टिकटॉक यूजर्स हैं. कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे अमेरिका में बैन कर दिया गया था.
JUST IN: 🇺🇸 President Trump says he is open to Elon Musk buying TikTok. pic.twitter.com/NVJKQLi45O
— Watcher.Guru (@WatcherGuru) January 21, 2025
फिर 20 जनवरी को अमेरिका की सत्ता संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक पर लगे बैन को हटाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक को 75 दिन का समय दिया है. इस 75 दिन में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर ऐप के लिए चीनी मालिक की जगह एक अमेरिकी मालिक खोजना होगा. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान के दौरान एलन मस्क ने 250 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए थे. ऐसे में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया कि एलन मस्क टिकटॉक को खरीद सकते हैं.
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टिकटॉक बेचने के लिए तैयार नहीं मालिक
एलन मस्क ने भी कुछ दिनों पहले कहा है कि वह टिकटॉक पर प्रतिबंध के खिलाफ हैं, क्योंकि बैन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है. टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस है, जिसके मालिक चीनी टेक दिग्गज झांग यिमिंग है. हालांकि, इस बीच ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीनी टेक दिग्गज टिकटॉक को बेचने के लिए तैयार नहीं हैं. डोनाल्ड ट्रंप शुरुआत में टिकटॉक के खिलाफ थे. बाद में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान को टिकटॉक पर तेजी मिलने के बाद वह टिकटॉक के लिए नरम हो गए.
हालांकि, अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से टिकटॉक पर बैन को सही बताया था. अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि उनकी ओर से की गई जांच में पाया गया कि टिकटॉक के कर्मचारियों ने पत्रकारों के डेटा का दुरुपयोग किया. साथ ही कंटेंट क्रिएटर्स और एड कंपनियों के संवेदनशील फाइनेंशियल डेटा को गलत तरीके से संभाला. साथ ही उनका कहना था कि ऐप की मूल कंपनी ने राजनीतिक और अन्य संवेदनशील सामग्री को दबाया और प्रभावित किया.
भारत के बाद कई देशों ने लगाया था बैन
बता दें कि साल 2020 में गलवान में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 200 से ज्यादा ऐप को भारत में बैन कर दिया था. भारत सरकार ने आरोप लगाया था कि टिकटॉक समेत यह सारे ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. टिकटॉक के एल्गोरिदम ने इस झड़प को भी गलत तरीके से दिखाया था.
गौरतलब है कि टिकटॉक कभी भी चीन में उपलब्ध था ही नहीं, इसे हांगकांग में प्रतिबंधित कर दिया गया था. गलत सूचना, दुष्प्रचार और सामाजिक अशांति के आरोप में भारत की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के तुरंत बाद कई देशों ने इसे बैन या हाल्फ बैन कर दिया. इसमें ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फ्रांस, कनाडा, ताइवान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, सेनेगल, सोमालिया, यूके जैसे देश शामिल हैं. इंडोनेशिया, पाकिस्तान और नेपाल जैसे कुछ देशों ने इस पर बैन लगाने के बाद फिर से बैन हटा लिया था.
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