Home International ट्रंप के सत्ता संभालते ही मची खलबली! पुतिन ने जिनपिंग को किया वीडियो कॉल; बनाया प्लान

ट्रंप के सत्ता संभालते ही मची खलबली! पुतिन ने जिनपिंग को किया वीडियो कॉल; बनाया प्लान

by Divyansh Sharma
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Explainer: ट्रंप के सत्ता संभालते ही पुतिन ने जिनपिंग के साथ वर्चुअल मीटिंग की है. ऐसे में सवाल है कि आने वाले समय में तीनों नेताओं की रणनीति कैसी रहने वाली है.

Explainer: डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली. शपथ लेते ही उन्होंने कई बड़े फैसले लिए, जिसमें कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुडे़ आदेश शामिल हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल मीटिंग की है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि डोनाल्ड ट्रंप, व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की आगे की रणनीति कैसी रहने वाली है.

वीडियो कॉल पर दोनों नेताओं ने की बात

दरअसल, क्रेमलिन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक वीडियो कॉल पर बातचीत की है. बातचीत के दौरान रूस और चीन के बीच के रिश्तों को पहले से और भी बेहतर करने पर जोर दिया गया. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस और चीन विदेश नीति में बड़ी भूमिका निभाते हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि दोनों देश पूरी दुनिया में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं.

गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग ने एन्क्रिप्टेड वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल सिस्टम के जरिए पिछले साल 2020 में भी बातचीत की थी. हाल की बातचीत में दोनों ही राष्ट्राध्यक्षों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को और विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा. दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभलाते ही चीन के प्रति सख्त रुख अपनाने की बात कह चुके हैं. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध समाप्त करने के लिए समझौता करना चाहिए क्योंकि यह संघर्ष रूस को नष्ट कर रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप रूस और चीन के खिलाफ कड़े फैसले ले सकते हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप ने दी रूस और चीन को धमकी

गौरतलब है कि व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग कई मामलों ने एक जैसी सोच रखते हैं. दोनों ही नेताओं का मानना है कि अमेरिका समेत पश्चिम देश विनाश के प्रतीक हैं. साथ ही चीन क्वांटम कंप्यूटिंग और सिंथेटिक जीवविज्ञान से लेकर जासूसी और बड़ी सैन्य शक्ति के साथ हर चीज में अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देता रहता है. इसके अलावा अमेरिका चीन को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी और रूस को अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कह चुके हैं कि दुनिया के लोकतंत्र को चीन और रूस जैसे निरंकुश शासनों से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अपने रिश्ते पहले से और बेहतर करने पर जोर दिया है. साथ ही दोनों ने व्यापार को भी बढ़ाने पर जोर दिया है, जो साल 2024 में बढ़कर 245 बिलियन डॉलर तक हो गया है. आने वाले समय में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग फास्ट न्यूट्रॉन रिएक्टरों और परमाणु ईंधन के रिप्रोसेसिंग पर सहयोग को आगे बढ़ाएंगे. ऐसे में कई विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि अमेरिका के सख्त रुख से बचने के लिए दोनों देश पहले ही तैयारी कर रहे हैं.

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