Home National RG Kar केस में संजय रॉय को मिली सजा, मरते दम तक जेल में रहेगा दोषी, कोर्ट ने सुनाया फैसला

RG Kar केस में संजय रॉय को मिली सजा, मरते दम तक जेल में रहेगा दोषी, कोर्ट ने सुनाया फैसला

by Divyansh Sharma
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RG Kar Case: पहले सियालदह कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.

RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर से हैवानियत और वीभत्स हत्या मामले में सियालदह कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. दो दिन पहले 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.

164 दिन बाद कोर्ट सुनाया फैसला

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सोमवार को सियालदह कोर्ट ने 164 दिन बाद अपना फैसला सुनाया है. उम्रकैद के अलावा कोर्ट ने संजय रॉय ने 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने यह फैसला सुनाने से पहले दोषी संजय रॉय, CBI और पीड़ित परिवार के वकील की बातें भी सुनी. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को दुष्कर्म और हत्या मामले में ट्रेनी के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

इससे पहले अनिर्बान दास ने 57 दिनों तक चली बंद कमरे में सुनवाई के बाद संजय रॉय को दोषी ठहराया था. बाद में संजय रॉय को दी जाने वाली सजा पर फैसला करने के लिए मामले को सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था. मामले की जांच कर रही CBI यानी केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने कोर्ट से संजय रॉय के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने मृत्युदंड देने से इन्कार कर दिया. सुनवाई के दौरान संजय रॉय ने जज के सामने खुद को कई बार निर्दोष बताया. साथ ही कहा कि वह इस घटना में शामिल नहीं था.

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आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल को भी किया था गिरफ्तार

गौरतलब है कि, पिछले साल 9 अगस्त की सुबह आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में ड्यूटी पर मौजूद एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद हुआ था. इस मामले के अगले दिन ही कोलकाता पुलिस ने नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आरोपी करार देते हुए 10 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, मामले की जांच कर रही CBI ने भी संजय रॉय को एकमात्र आरोपी माना था. इसके बाद 4 नवंबर को कोर्ट ने उसके खिलाफ आरोप तय कर दिए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दुष्कर्म और हत्या की बात सामने आई थी. इस घटना के सामने आते ही देश भर में आक्रोश फैल गया और डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी.

कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले को CBI को सौंपा गया. CBI ने इस मामले में आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें जमानत दे दी गई, क्योंकि CBI निर्धारित 90 दिन की समय सीमा के भीतर उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी थी. हालांकि, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित मामले में संदीप घोष अभी भी जेल में ही है.

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