Svamitva Scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार यानी आज लगभग 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए हैं. इसे लेकर उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
Svamitva Scheme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने शनिवार को 230 से अधिक जिलों के करीब 50,000 गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत लगभग 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए हैं. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
लाभार्थियों से बात
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुछ लाभार्थियों से बातचीत भी की और कहा कि इस योजना से लोगों को ऋण और सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि ये संपत्ति कार्ड 10 राज्यों में वितरित किया गया है. इसमें छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के अलावा दो केंद्र शासित प्रदेशों शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आज 65 लाख कार्ड वितरित किए जाने के बाद गांवों में लगभग 2.24 करोड़ लाभार्थियों के पास स्वामित्व संपत्ति कार्ड होंगे.
संपत्ति के अधिकार को लेकर कही बड़ी बात
इस दौरान पीएम ने कई मुद्दे पर बात की जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा संपत्ति का अधिकार था. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में संपत्ति का अधिकार एक बड़ी चुनौती है. कई साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक अध्ययन किया था, जिसमें पता चला था कि कई देशों में लोगों के पास संपत्ति के अधिकार के लिए कानूनी दस्तावेज नहीं हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गरीबी उन्मूलन के लिए संपत्ति का अधिकार महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री ने कहा था कि गांवों में संपत्ति एक मृत पूंजी है, क्योंकि लोग इसके साथ कुछ नहीं कर सकते हैं और यह उनकी आय बढ़ाने में मदद नहीं कर सकता है.
विपक्ष पर साधा निशाना
पीएम ने कहा कि भारत भी इस चुनौती से प्रभावित हुआ. गांवों में लोगों के पास लाखों करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उनके पास इसके कागजात नहीं. विवाद हुए, संपत्तियां छीन ली गईं और यहां तक कि बैंक भी इस पर लोन नहीं देते. उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकारों को इस बारे में कुछ करने के लिए कदम उठाना चाहिए था लेकिन कुछ खास नहीं किया.
कौन है सबसे ज्यादा प्रभावित?
मोदी ने दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासी को चुनौती से सबसे ज्यादा प्रभावित बताया है. उन्होंने कहा कि संपत्ति का कानूनी अधिकार मिलने के बाद लाखों लोगों ने कर्ज लिया है. उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए किया है. इनमें से कई किसान हैं, जिनके लिए यह संपत्ति कार्ड वित्तीय सुरक्षा की गारंटी है. ये कार्ड स्वामित्व और भू-आधार गांवों के विकास की नींव बनेंगे.
कार्यक्रम में कौन था शामिल?
इस कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भी शामिल थे. इसमें कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों ने भी भाग लिया है. संपत्ति कार्डों के भौतिक वितरण के लिए 230 से अधिक जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि संपत्ति कार्ड के क्षेत्रीय वितरण समारोहों की निगरानी के लिए लगभग 13 केंद्रीय मंत्री देश भर से निर्दिष्ट स्थानों से शारीरिक रूप से शामिल होंगे.
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री ने शुरू किया था. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाएगा, जिससे भूमि विवादों को कम किया जा सके. गौरतलब है कि योजना के तहत 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्ष्य का 92 फीसदी है. वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए करीब 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं.
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