Bihar Politics: पशुपति पारस ने कहा कि हम राजनीति करने आए हैं. अगर लालू यादव ने हमें अहमियत दी, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनके ऑफर को स्वीकार करें.
Bihar Politics: बिहार में नवंबर के महीने तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सियासी अटकलों का बाजार गर्म है. लेकिन इससे पहले ही BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले NDA में शामिल पशुपति पारस को लेकर बहुत बड़ी जानकारी सामने आई है.
पशुपति पारस ने दही-चूड़ा भोज के बाद लालू यादव के साथ गठबंधन के संकेत दे दिए हैं. लाइव टाइम्स से बात करते हुए पशुपति पारस ने कहा कि हम राजनीति करने आए हैं. जो हमें अहमियत देगा और ज्यादा सीटें देगा हम उनके साथ रहेंगे. अगर लालू यादव ने हमें अहमियत दी, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनके ऑफर को स्वीकार करें.
लाइव टाइम्स से बात करते हुए छलका दर्द
लाइव टाइम्स न्यूज से बात करते हुए मंगलवार को पशुपति पारस ने अपना दुख जाहिर किया. उन्होंने दुखी मन से कहा कि राजनीति में न कोई अपना होता है ना पराया. मेरे भाई रामविलास पासवान के निधन के बाद पहले पार्टी टूटी और फिर घर टूट गया. यह बहुत पीड़ादायक था. उन्होंने आगे कहा कि जब दल टूटता है, तो जुड़ जाता है लेकिन जब दिल टूटता है तो कभी नहीं जुड़ पाता.
इसके बाद उन्होंने कहा कि हम राजनीति करने आए हैं. कोई साधु नहीं हैं. जो हमें अहमियत देगा और ज्यादा सीटें देगा हम उनके साथ रहेंगे. उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि अगर आज लालू यादव ने हमें अहमियत दी है, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनके ऑफर को स्वीकार करें. इसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि वह लालू यादव के ऑफर पर कब फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद लालू यादव के के ऑफर पर फैसला लेंगे. हम लालू यादव के ऑफर को हम ठुकरा नहीं रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव में नाराज थे पशुपति पारस
बता दें कि पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान BJP के नेतृत्व वाले NDA ने पशुपति पारस की पार्टी LJP यानी लोक जनशक्ति पार्टी को अहमियत नहीं दी थी. इसके अलावा उनके भतीजे चिराग पासवान की पार्टी LJPR को 5 सीटें दे दी थी. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर NDA के साथ रहने की भी बात कही थी.
अब ऐसे में बुधवार को पशुपति पारस की ओर से दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में शामिल होने के लिए लालू यादव भी पहुंचे थे. इस दौरान मीडियाकर्मियों ने लालू यादव से पूछा कि क्या पशुपति कुमार पारस महागठबंधन में शामिल होंगे. इस पर उन्होंने कि हां. लालू यादव और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चाचा और रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस के इस फैसले से बिहार में सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया.
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