NAG Missile: DRDO ने स्वदेशी रूप से विकसित थर्ड जेनरेशन के नाग MK-2 यानी एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल (ATGM) का फाइनल परिक्षण कर लिया.
NAG Missile: भारतीय सेना की ताकत हर दिन बढ़ती ही जा रही है. इस बीच DRDO यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ऐसा कमाल कर दिया है, जिससे चीन और पाकिस्तान के पसीने छूट जाएंगे. दरअसल, सोमवार को DRDO ने स्वदेशी रूप से विकसित थर्ड जेनरेशन के नाग MK-2 यानी एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल (ATGM) का फाइनल परिक्षण कर लिया. परीक्षण में नाग मिसाइल ने सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया. अब पूरी हथियार प्रणाली भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है. यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों को नेस्तनाबूद करने के लिए जरूरी है.
Field Evaluation Trials of the indigenously developed #NagMk2, the third-generation Anti-Tank Fire-and-Forget Guided Missile by #DRDO, were successfully conducted recently at #Pokhran Field Range in the presence of senior officers of the #IndianArmy.
— Defence Production India (@DefProdnIndia) January 13, 2025
During the three field… pic.twitter.com/GZZz8GGfGX
तीन फील्ड परीक्षण में किए सटीक रूप से हमले
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से सोमवार को इस बात की जानकारी है. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान के पोखरण फील्ड रेंज में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में नाग MK-2 यानी एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल का फाइनल परिक्षण किया गया. इस दौरान तीन फील्ड परीक्षण किए गए और सभी में नाग मिसाइल ने सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया. हाई और लो रेंज के साथ नाग मिसाइल कैरियर वर्जन-2 का भी फील्ड परीक्षण किया गया.
ऐसे में नाग MK-2 भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है. इस सफल परीक्षण पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी. बता दें कि वर्तमान में सेना दूसरी पीढ़ी के मिलान 2टी और कोंकुर ATGM का इस्तेमाल कर रही है. ऐसे में नाग मिसाइल भारतीय सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इसके सटीक हमले की वजह से दुश्मन के टैंकों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस कारण नाग MK-2 के सेना में शामिल होते ही सेना की ताकत कई गुना तक बढ़ जाएगी.
इजराइल या अमेरिका पर निर्भरता होगी कम
बता दें कि इस तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को दुश्मन टैंकों और बख्तरबंद वाहनों पर हमला करने और उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए डिजाइन किया गया है. ऐसे में ‘दागो और भूल जाओ’ भी कहते हैं. यह रात के समय भी सटीक हमले कर सकता है. DRDO के मुताबिक इस मिसाइल की न्यूनतम सीमा 500 मीटर और अधिकतम सीमा 4 किमी है. इस मिसाइल सिस्टम के सेना में शामिल होते ही भारतीय सेना को अब चार किलोमीटर की मारक क्षमता के लिए इस हथियार को इजराइल या अमेरिका से आयात नहीं करना पड़ेगा.
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मिसाइल सिस्टम की खूबियां
- रात में भी हमला कर सकता है नाग मिसाइल.
- टैंक के साथ बख्तरबंद वाहनों को कर सकता है नेस्तनाबूद.
- लो रेंज 500 मीटर और हाई रेंज 4 किमी है.
- तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ तकनीक पर आधारित.
- मिसाइल कम ऊंचाई से भी हमला करने में सक्षम.
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