PM Narendra Modi First Podcast: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस पॉडकास्ट का नाम दिया था ‘पीपल बाय WTF’. इस पॉडकास्ट में अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत की.
PM Narendra Modi First Podcast: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शेयर ट्रेडिंग एप जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट पहली बार पॉडकास्ट किया. अपने पहले पॉडकास्ट में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी कई बड़ी बातों का खुलासा किया है. शुक्रवार को जारी 2 घंटे के पॉडकास्ट वीडियो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी है. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत बड़े-बड़े झटके देखे हैं.
अपने पुराने भाषण पर मांगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस पॉडकास्ट का नाम दिया था ‘पीपल बाय WTF’. इस पॉडकास्ट में अच्छे लोगों के राजनीति में आने की वकालत की और बात पर जोर दिया कि उन्हें महत्वाकांक्षा के बजाए मिशन लेकर आना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पॉडकास्ट डेब्यू को स्वीकार करते हुए कहा कि मेरा पहला पॉडकास्ट है.
बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने भाषण पर माना कि वह उस समय कुछ असंवेदनशील तरीके से कुछ बातें कही थी. गलतियां होती हैं. मैं इंसान हूं, भगवान नहीं. लेकिन मैं कभी भी किसी बुरे इरादे से कुछ गलत न किया और न करूंगा. उन्होंने यह मेरे जीवन का मंत्र है और हर कोई गलतियां करता है, जिसमें मैं भी शामिल हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं को राजनीति में महत्वाकांक्षा के साथ नहीं बल्कि मिशन के साथ प्रवेश करना चाहिए.
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पॉडकास्ट की मुख्य बातें
डेब्यू पॉडकास्ट: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माना कि यह पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म पर उनका पहला पॉडकास्ट है. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा.
मैं भी इंसान हूं: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री अपने पिछले भाषण पर कहा कि मैंने कुछ असंवेदनशीलता से कहा था. गलतियां सभी से होती हैं. मैं इंसान हूं, भगवान नहीं.
गुजरात के दिन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बचपन में वह अपने परिवार के सदस्यों के कपड़े धोते थे. इसी वजह से उन्हें तालाब पर जाने की अनुमति मिली.
चीन कनेक्शन: चीनी दार्शनिक ह्वेन त्सांग की यात्रा को लेकर कहा कि ह्वेन त्सांग कुछ समय के लिए वडनगर में रहे थे. इस पर चीनी फिल्म बन रही थी. इस पर चीनी दूतावास को पत्र लिखा और उनसे अनुरोध किया कि वह फिल्म में हमारे गांव को भी फिल्म में शामिल करें. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया भर के नेताओं से फोन आने लगे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी उनमें से एक हैं.
साधारण छात्र: बचपन के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह पढ़ाई के दौरान एक साधारण छात्र थे. शिक्षक कहते थे कि वह बहुत प्रतिभाशाली हैं, लेकिन वह ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह बस किसी तरह परीक्षा पास कर लेते थे.
बचपन के दोस्त: बचपन के दोस्तों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने छोटी उम्र में ही अपना घर और हर रिश्ता छोड़ दिया. भटकने के दौरान सभी से संपर्क टूट गया. गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद पुराने दोस्तों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया. करीब 30-35 लोग आए थे, लेकिन मैं दोस्तों की तलाश में था और वह मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर देख रहे थे. अब मेरी जिंदगी में कोई भी ऐसा नहीं है जो मुझे ‘तू’ कह कर बुलाए.
प्रधानमंत्री के तौर पर तीन कार्यकालों में अंतर: पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं दिल्ली को. दूसरा कार्यकाल में मैं अतीत के नजरिए पर था. तीसरे कार्यकाल में मेरी सोच बदल गई है.
राजनीति में सफलता का मंत्र: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजनीति में सफलता के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता की जरूरत होती है.
महात्मा गांधी और वीर सावरकर पर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा कि ज्यादा आदर्शवाद की अहमियत पर बात करते हुए कहा कि भले ही विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती, लेकिन महात्मा गांधी और वीर सावरकर के रास्ते अलग-अलग थे. फिर भी उनकी विचारधारा स्वतंत्रता की थी.
राष्ट्र प्रथम विचारधारा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखना चाहिए. मैं एक ही विचारधारा में विश्वास करते हुए बड़ा हुआ हूं. उन्होंने दावा किया कि वह पुरानी चीजों को छोड़कर नई चीजों को अपनाने के लिए तैयार हैं. हालांकि, शर्त हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’ की होगी.
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