Canada PM : कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद वहां की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश कर दी है.
Canada PM : कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद वहां की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने प्रधानमंत्री पद के दावेदारी पेश कर दी है. भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने घोषणा की है कि वह देश को एक संप्रभु गणराज्य बनाने, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, नागरिकता-आधारित कर प्रणाली शुरू करने और फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने के वादे के साथ एक अभियान के साथ उदार नेतृत्व के लिए दौड़ेंगे.
सोशल मीडिया पर की घोषणा
ओटावा सांसद चंद्र आर्य ने अपनी दावेदारी की घोषणा सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर की. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि
कनाडा को एक संप्रभु गणराज्य बनाना चाहते हैं, जिसके लिए राज्य के प्रमुख के रूप में राजशाही को प्रतिस्थापित करना होगा. उन्होंने आगे बयान में लिखा कि कनाडा के लिए अपनी नियति पर पूर्ण नियंत्रण लेने का समय आ गया है. कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (CBC) की रिपोर्ट की मानें तो चंद्र आर्य ने कहा कि वह एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं, जिसका कैबिनेट योग्यता के आधार पर चुना जाए, न कि (विविधता, समानता और समावेशन) कोटा के आधार पर.
किए कई चुनावी वादें
बहु-पृष्ठ घोषणा में नीतिगत प्रस्तावों की एक सूची शामिल है, जिसमें 2040 में सेवानिवृत्ति की आयु दो साल बढ़ाना, नागरिकता-आधारित कर प्रणाली शुरू करना और फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देना शामिल है. उन्होंने आगे लिखा कि मैं अपने राष्ट्र के पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी, अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व करने के लिए कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए दौड़ रहा हूं. हम महत्वपूर्ण संरचनात्मक समस्याओं का सामना कर रहे हैं जो पीढ़ियों से नहीं देखी गई हैं और उन्हें हल करने के लिए कठिन विकल्पों की आवश्यकता होगी. मैंने हमेशा कनाडाई लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करने के लिए कड़ी मेहनत की है और अपने बच्चों और पोते-पोतियों की खातिर हमें साहसिक निर्णय लेने चाहिए जो बिल्कुल जरूरी हैं.
चुनौतियों का किया जिक्र
चंद्र आर्य ने अपने बयान में लिखा कि कई कनाडाई, विशेष रूप से युवा पीढ़ी, सामर्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और कामकाजी मध्यम वर्ग संघर्ष कर रहा है. कनाडा ऐसे नेतृत्व का हकदार है जो बड़े निर्णय लेने से नहीं डरता. ऐसे निर्णय जो हमारी अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करते हैं, आशा बहाल करते हैं, सभी कनाडाई लोगों के लिए समान अवसर पैदा करते हैं और हमारे बच्चों और पोते-पोतियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करते हैं. वह हमेशा सरकार की नीतियों के अनुरूप नहीं रहे हैं. CBC की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में उन्होंने कनाडा की राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप के गंभीर आरोपों के जवाब में उदारवादियों से विदेशी एजेंट रजिस्ट्री शुरू करने की योजना पर पुनर्विचार करने के लिए एक याचिका प्रायोजित की.
हिंदू समुदाय के लिए उठाई आवाज
गौरतलब है कि चंद्र आर्य ने कनाडा में हिंदू समुदाय के लोगों के लिए अपनी आवाज हमेशा उठाई है. इसके साथ ही ओटावा और नई दिल्ली के बीच संबंधों के मुद्दे पर अपने विचारों को लेकर कई सांसदों से भिड़ चुके हैं. यहां बता दें कि कनाडा-भारत संबंधों में तनाव के बीच चंद्र आर्य ने पिछले साल भारत यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की थी.
क्या कनाडा को मिलेगा पहला हिंदू प्रधानमंत्री?
चंद्र आर्य की घोषणा के बाद दावेदारी को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या कनाडा को 1867 के बाद पहला हिंदू प्रधानमंत्री मिलने वाला है? अब इस समय ये सवाल इस लिए खड़ा हो रहा है क्योंकि कनाडा के इतिहास में आज तक 23 प्रधानमंत्री बदल गए, लेकिन इनमें हिंदू, सिख या फिर मुस्लिम कभी भी कनाडा के पीएम के रूप में सामने नहीं आए.
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