Home National जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर! संभल कोर्ट में 5 मार्च को होगी सुनवाई; दोनों पक्ष पेश करेंगे सबूत

जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर! संभल कोर्ट में 5 मार्च को होगी सुनवाई; दोनों पक्ष पेश करेंगे सबूत

by Live Times
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Sambhal News: संभल जामा मस्जिद के लेकर संभल कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. चंदौसी कोर्ट ने मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले की सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है.

Sambhal News: संभल जामा मस्जिद के लेकर संभल कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. चंदौसी कोर्ट ने मस्जिद-हरिहर मंदिर मामले की सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है.

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल से बड़ी खबर सामने आई है. चंदौसी अदालत ने मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद और उसके सर्वेक्षण से जुड़े मामले में सुनवाई की अगली तारीख 5 मार्च तय की है. संभल की जामा मस्जिद में हर हरि मंदिर का दावा पेश किए जाने और सर्वे रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद इस मामले में बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई होनी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

इस मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वारी ने मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी निचली अदालतों को निर्देश दिया था कि वे अगले आदेश तक किसी भी पूजा स्थल के सर्वेक्षण की मांग करने वाले नए मुकदमों पर विचार न करें. हमने उक्त आदेश की एक प्रति अदालत में दाखिल की है, जिसने सुनवाई की अगली तारीख 5 मार्च तय की है. उन्होंने आगे कहा कि हम अदालत में साबित करेंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं, बल्कि जामा मस्जिद थी. हमारे पास सभी सबूत हैं.

पिछले साल से संभल में बढ़ा तनाव

बता दें कि पिछले साल 19 नवंबर से संभल में तनाव बढ़ गया, जब अदालत की ओर से शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण का आदेश दिया गया. दरअसल, दावा हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि इस स्थान पर कभी हरिहर मंदिर था. वहीं, 24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान स्थिति हिंसक हो गई. सर्वे के दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से झड़प हो गई. इसके बाद हुई पथराव और आगजनी में 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

कमेटी ने दायर की थी याचिका

गौरतलब है कि हिंदू पक्ष ने याचिका दाखिल की है. हिंदू पक्ष ने कहा है कि मस्जिद में उन्हें जाने नहीं दिया जाता है. वहीं, मुगल आक्रांता बाबर की आत्मकथा ‘बाबर नामा’ में कहा गया है कि बाबर के आदेश पर साल 1526 में मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था. मुस्लिम पक्ष इन सभी दावों को खारिज करता है. इसी साल दायर यह मुकदमा संभल में सिविल जज यानी सीनियर डिवीजन की कोर्ट में पेंडिंग है. 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस और राज्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दो जनहित याचिकाएं इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पेंडिंग हैं.

यह भी पढ़ें: Sambhal: संभल के चंदौसी इलाके में मिली 150 वर्ष पुरानी बावड़ी, बरामद हुईं 2 मूर्तियां भी

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