17 February 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सूरजकुंड मेले का उद्घाटन 2 फरवरी को किया गया था। ये मेला विविध संस्कृतियों का संगम है जिसको अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के नाम से भी जाना जाता है। इस साल तंजानिया समेत 40 देश इस मेले में हिस्सा ले रहे हैं। यहां आने वाले लोग हैंडिक्राफ्ट चीजों की खरीदारी, संस्कृति प्रस्तुतियों और तरह-तरह के खाने का आनंद उठा रहे हैं।
‘हरियाणवी पगड़ी’ ने जीता दिल
अधिकारियों के अनुसार, मेले का रविवार को आखिरी दिन है। इस बार मेले में 10 लाख से ज्यादा विज़िटर्स के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। महासिंह पूनिया विरासत प्रदर्शनी के निदेशक हैं। उन्होंने कहा- इस मेले में ‘हरियाणवी पगड़ी’बहुत फेमस हुआ है। ज्यादातर विज़िटर्स ने हरियाणा के गांवों से जुड़ी ऐसी पारंपरिक चीजों के साथ फोटो ली हैं जो आज के समय में मिलना मुश्किल हैं। यहां आपको बता दें कि, ये सूरजकुंड मेले का 37वां वर्जन है जिसमें तंजानिया के साथ ही महाद्वीप के अन्य देशों के भी स्टाल लगाए गए हैं। यहां अफ्रीकी संस्कृति की भी झलक विज़िटर्स को देखने को मिल रही है।
मन लुभाने वाली चीजें
ग्रेस मिहिगो जो तंजानियाई के शिल्पकार हैं उन्होंने कहा- लैदर बैग, सूती कपड़े और हाथों से बनी पेंटिंग्स विज़िटर्स के मन को खूब लुभा रही हैं। वहीं टागों के एक शिल्पकार के अनुसार, विज़िटर्स को यहां पर मौजूद ज्वैलरी भी बहुत पसंद आ रही है। साथ ही यहां विज़िटर्स का ध्यान अफ्रीकी देशों के जूट से बनी चीजें, लकड़ी के क्राप्ट और मिट्टी के बर्तनों के स्टाल भी खींच रहे हैं। वहीं मेले की चौपाल पर बनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी विज़िटर्स को खूब लुभावने लग रहे हैं।
एक्सपीरियन्स
नीरज कुमार जो सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक और हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक हैं, उनके अनुसार, ये मेला विज़िटर्स के लिए हैंडलूम, फेमस फूड क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिल्प का एक बेहतरीन एक्सपीरियन्स रहा है।