13 Feb 2024
सुप्रीम कोर्ट ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान यूपी में बीजेपी और कांग्रेस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर अंतरिम रोक की अवधि को बढ़ा दिया है। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ केजरीवाल की दायर याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गई। पीठ ने कहा कि अंतरिम आदेश बरकरार रहने दीजिए। ये सब क्या है? ये सभी अप्रासंगिक मामले हैं। ये ऐसा मामला नहीं है जिस पर हम गौर करें। केजरीवाल पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत चुनावों के संबंध में वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप
केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने किसी धर्म या जाति का नहीं बल्कि केवल राजनीतिक दल का उल्लेख किया था। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि ये याचिका कानून संबंधी कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। याचिका में कहा गया है कि शिकायत में केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था, लेकिन पुलिस ने उसी दिन प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
‘जल्दबाजी में की गई कार्रवाई’
केजरीवाल ने कहा कि ये पुलिस की स्वतंत्र जांच किए बिना किया गया। याचिका में कहा गया है कि ये पुलिस की स्पष्ट रूप से ‘‘पक्षपातपूर्ण और जल्दबाजी में की गई कार्रवाई’’ को दर्शाता है। आपको बता दें केजरीवाल ने 2 मई 2014 को प्रचार अभियान के दौरान कथित तौर पर कहा था कि‘‘जो कांग्रेस को वोट देगा, देश के साथ गद्दारी होगी जो बीजेपी को वोट देगा उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा।’’