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Sahitya Akademi Award 2024: ‘मैं जब तक आई बाहर’ के लिए गगन गिल को मिला अकादमी पुरस्कार

by JP Yadav
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Sahitya Akademi Award 2024: 'मैं जब तक आई बाहर' के लिए गगन गिल को मिला अकादमी पुरस्कार

Sahitya Akademi Award Announcement : साहित्य अकादमी ने 21 भारतीय भाषाओं के लिए वार्षिक पुरस्कारों का एलान कर दिया है. हिंदी भाषा के लिए गगन गिल को चुना गया है.

Sahitya Akademi Award Announcement : हिंदी की मशहूर कवयित्री गगन गिल (Famous Hindi Poet Gagan Gill) को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 (Sahitya Akademi Award 2024 Announcement 🙂 के लिए चुना गया है. गगल गिल को यह पुरस्कार ‘मैं जब तक आई बाहर’ के लिए प्रदान किया जाएगा. साहित्य अकादमी ने 21 भारतीय भाषाओं के लिए वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा बुधवार को की. बाड़ला, डोगरी और उर्दू में पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में इन पुरस्कारों को अनुमोदित किया गया है.

साहित्य अकादमी से मिली जानकारी के अनुसार, संस्था ने बुधवार को अपने प्रतिष्ठित वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 की घोषणा की. इन पुरस्कारों में तीन निबंध, तीन साहित्यिक आलोचना, आठ कविता-संग्रह, तीन उपन्यास, दो कहानी संग्रह, एक नाटक और एक शोध की पुस्तकों को शामिल किया गया है. 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 के दौरान ये पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिए गए हैं. पुरस्कार में ताम्रफलक, शॉल और 1 लाख रुपये पुरस्कृत लेखकों को दिए जाएंगे. सम्मान समारोह 8 मार्च 2025 को आयोजित किया जाएगा.

देखें पुरस्कृत लेखकों की पूरी लिस्ट

  • कविता-संग्रह : दीपक कुमार शर्मा (संस्कृत), समीर तांती (असमिया), दिलीप झावेरी (गुजराती), गगन गिल (हिंदी), के. जयकुमार (मलयालम), हाओबम सत्यवती देवी (मणिपुरी), पॉल कौर (पंजाबी), मुकुट मणिराज (राजस्थानी).
  • उपन्यास : सोहन कौल (कश्मीरी), अरन राजा (बोडो), ईस्टरिन किरे (अंग्रेजी).
  • कहानी-संग्रह : हूंदराज बलवाणी (सिंधी) और युवा बराल (नेपाली)
  • निबंध : वैष्णव चरण सामल (ओड़िया), मुकेश थली (कोंकणी) और महेंद्र मलंगिया (मैथिली)
  • साहित्यिक : पेनुगोंडा लक्ष्मीनारायण (तेलुगु), केवी नारायण (कन्नड) और सुधीर रसाल (मराठी)
  • आलोचना : महेश्वर सोरेन (सताली)
  • नाटक शोध : एआर वेंकटचलपति (तमिल).

कैसे किया गया विजेताओं का चयन

साहित्य अकादमी के अनुसार, निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए लेखकों का चयन किया है. नियमानुसार कार्यकारी मंडल ने निर्णायकों के बहुमत अथवा सर्वसम्मति के आधार पर चयनित पुस्तकों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है. इन पुस्तकों पर साहित्य अकादमी की तीन सदस्यीय जूरी ने विचार किया. इसमें प्रोफेसर रामवचन राय, मृदुला गर्ग और डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय का नाम शामिल है.

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