13 February 2024
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च के बीच शंभू बार्डर पर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। किसानो के मार्च में शामिल युवाओं के एक समूह ने अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। कुछ किसानों ने ट्रैक्टर की मदद से सीमेंट के अवरोधक हटाने की भी कोशिश की।
अधिकारियों के मुताबिक हरियाणा पुलिस द्वारा बैरिकेड से दूर रहने की अपील की गई थी। बावजूद इसके कई युवा पीछे नहीं हटे और बैरिकेड के ऊपर खड़े रहे। उन्होंने बताया कि जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने लोहे का बैरिकेड तोड़ दिया और उसे घग्गर नदी के पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों के मुताबिक जब बड़ी संख्या में किसान शंभू सीमा पर बैरिकेड के पास इकठ्ठा हुए तो पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस के गोले छोड़ेने पड़े।
कुछ प्रदर्शनकारी पास के मैदान में घुस गए जिसके बाद पुलिस ने फिर से आंसू गैस के गोले दागे। आंसू गैस के गोले से निकलने वाले धुएं के असर से खुद को बचाने के लिए किसानों को गीले जूट के थैले का इस्तेमाल करते देखा गया। किसानों की तरफ से पत्थरबाज़ी भी की गई।
ममता ने की निंदा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की कड़े शब्दो में निंदा की है। उन्होंने इसे किसानों पर ‘बीजेपी का बर्बर हमला’ करार दिया।
ममता ने ‘एक्स’ पर कहा, “ जब अपने मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने पर किसानों पर आंसू गैस के गोलों से हमला किया जाएगा तो हमारा देश कैसे तरक्की कर सकता है? मैं बीजेपी द्वारा हमारे किसानों पर बर्बर हमले की कड़ी निंदा करती हूं।” उन्होंने कहा, “ उनके विरोध को दबाने के बजाय, बीजेपी को अपने बढ़े हुए अहंकार, सत्ता की भूख और निष्प्रभावी शासन को कम करने पर ध्यान लगाना चाहिए जिसने हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है।”
सरकार ने किसानों को दिया धोखा- वृंदा करात
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने केंद्र सरकार पर किसानों को धोखा देने और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप लगाया है। करात ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने न सिर्फ किसानों और श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित किया है, बल्कि उन्हें धोखा भी दिया है। सरकार फसलों की एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून को क्यों नकारती हैं?”
माकपा नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने मशहूर कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान करने में बहुत देर कर दी। उन्होंने कहा, ‘‘स्वामीनाथन किसानों के अधिकारों के लिए खड़े रहे, लेकिन किसानों की मदद करने का उनका फॉर्मूला केंद्र ने लागू नहीं किया।’’
करात ने ये भी दावा किया कि देश भर के किसान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासनों को ‘‘पाखंड और धोखा’’ बता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूरे भारत में किसान 16 फरवरी को ‘ग्रामीण बंद’ करेंगे। यह श्रमिक वर्ग का बड़ा संघर्ष है।’’
आपको बता दें कि किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।