Home International LAC से सैनिकों की वापसी के बाद अचानक चीन पहुंचे NSA अजीत डोभाल, क्या होने वाला है बड़ा?

LAC से सैनिकों की वापसी के बाद अचानक चीन पहुंचे NSA अजीत डोभाल, क्या होने वाला है बड़ा?

by Divyansh Sharma
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India-China Relations nsa ajit doval Beijing xi jinping

India-China Relations: चीन के भारत के NSA अजीत डोभाल बुधवार को चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक करेंगे. यह 23वीं दौर की वार्ता होने वाली है.

India-China Relations: भारत और चीन के रिश्तों में करीब 4 सालों से जमी बर्फ पिघलने लगी है. साथ ही इसका असर भी दिखने लगा है. इसी क्रम में मंगलवार को NSA यानी भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन पहुंचे हैं. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद सही हुए संबंध

बता दें कि BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बनी कई समझौतों पर सहमती बनी थी. इसे लेकर चीन के भारत के NSA अजीत डोभाल बुधवार को चीनी समकक्ष और विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक करेंगे. यह 23वें दौर की वार्ता होगी. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में 21 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी और गश्त पर हुए समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.

इस महत्वपूर्ण चर्चा से पहले चीनी विदेश मंत्रालय का भी बयान सामने आया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के दौरान बनी आम सहमति के आधार पर प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.

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भारत के साथ काम करने के लिए तैयार चीन

विशेष प्रतिनिधि वार्ता के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन दोनों देशों के बीच के मतभेदों को ईमानदारी से सुलझाने के लिए तैयार है.

उन्होंने यह भी कहा कि चीन और भारत के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आम समझ को लागू करने, एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का सम्मान करने, बातचीत के माध्यम से आपसी विश्वास को मजबूत करने, ईमानदारी के साथ मतभेदों को ठीक से सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द स्थिर और स्वस्थ विकास के रास्ते पर लाने के लिए चीन भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.

बता दें कि साल 2020 में मई के महीने में पूर्वी लद्दाख के गलवान में LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य गतिरोध देखने को मिला था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

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