Farmer Protest 2024 : पंजाब के शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च फिर से शुरू करने वाले 101 किसानों के एक समूह को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया.
Farmer Protest 2024: हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसान पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच एक बार फिर किसान शनिवार को दिल्ली कूच किया हैं. पंजाब के शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए पैदल मार्च फिर से शुरू करने वाले 101 किसानों के एक समूह को शंभू बॉर्डर पर हरियाणा में एंट्री करने से रोक दिया गया. किसानों के दिल्ली कूच से पहले ही शंभू बॉर्डर और उसके आसपास के 12 गांवों की इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. किसान नेताओं ने बताया कि 101 किसान शनिवार दोपहर 12 बजे के आसपास यहां से दिल्ली मार्च करेंगे. हालांकि, सरकारी एजेंसियां इस मार्च का नैरेटिव बदलने की कोशिश करेंगी. इसके पहले भी किसान दो बार दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन दोनों बार हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था.
इंटरनेट पर लगाई पाबंदी
इस बीच दिल्ली की ओर किसानों के मार्च के मद्देनजर हरियाणा में 14 दिसंबर सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर रात 12 के बजे तक अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी गई हैं. कूच से पहले ही शंभू बॉर्डर और उसके आसपास के 12 गांवों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
किन क्षेत्रों में बंद हुई सेवाएं
किसान कूच के दौरान इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई है जिसमें दंगधेड़ी, लोहगढ़, मनकपुर, ददियाना, बड़ी गैल, छोटी गैल, लहरसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सड्डोपुर, सुल्तानपुर और काकड़ू शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देने से किया इन्कार
सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई की गई थी, जिसमें किसान आंदोलन को खत्म कराने की मांग की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कोई ऐसा आदेश नहीं देने वाले जिससे किसानों का आंदोलन प्रभावित हो. वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं.
अनुमति लेने का आग्रह किया
शंभू बॉर्डर पर किसानों के साथ बातचीत करते हुए अंबाला के SP सुरिंदर सिंह ने कहा कि डल्लेवाल जी के स्वास्थ्य को देखते हुए, बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है. सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर है. हम आप सभी से अगले निर्देश तक यहीं बैठने का आग्रह करते हैं. कानून के प्रावधान का पालन करते हुए परमिशन लें. हम आपको खुद दिल्ली छोड़कर कर आएंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस कूच को अपना समर्थन देते हुए सरकार की कड़ी निंदी की है. उन्होंने सरकार को घेरे में लेते हुए कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों की लगातार अनदेखी कर रही है. भूख हड़ताल पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत बिगड़ रही है, लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
वहीं, दूसरे किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन 307वें दिन में प्रवेश कर गया है और 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था 12 बजे तक दिल्ली के लिए रवाना होगा. पूरा देश इस विरोध प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इसे दूरी बनाए हुए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री भी इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं.
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