Parliament Winter Session 2024: विशेष चर्चा के दौरान राजनाथ सिंह के बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान पर अपना संबोधन दिया.
Parliament Winter Session 2024: सदन में इस वक्त शीतकालीन सत्र चल रहा है. वहीं, दूसरी ओर 26 जनवरी को संविधान निर्माण के 75 साल पूरे होने वाले हैं. इस बीच लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा की शुरुआत हुई. इस पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की ने भी अपनी पहली स्पीच दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की जनता की आजादी का सुरक्षा कवच है.
आपातकाल पर राजनाथ सिंह ने बोला बड़ा हमला
दरअसल, संविधान पर विशेष चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से देश में ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि संविधान सिर्फ किसी एक पार्टी की देन है. संविधान निर्माण में कई लोगों की अहम भूमिका को भुला दिया गया. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश का संविधान स्वाधीनता संविधान के हवन कुंड से निकला हुआ अमृत है और यह हमारा स्वाभिमान है.
इस दौरान उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल के काले दिनों के दौरान हमने संविधान को चोट पहुंचाने के हर प्रयासों का कड़ा विरोध किया. साथ ही उन्होंने कहा कि आपातकाल में मैं जेल में रहा और मां की मृत्यु होने पर मुखाग्नि देने के लिए पेरोल तक नहीं दी गई. राजनाथ सिंह के बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान पर अपना संबोधन दिया.
VIDEO | "In the struggle of crores of Indians, in their strength to battle the toughest situations, and in their hope of justice from the country, the flame of our Constitution is burning. I have understood that our Constitution is a protective shield that keeps the countrymen… pic.twitter.com/QYhOHJG6Ir
— Press Trust of India (@PTI_News) December 13, 2024
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संविधान जनता का एक सुरक्षा कवच
पहली बार लोकसभा पहुंची कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी संविधान के जरिए सत्ता पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे देश में गौरवशाली परंपरा दर्शन, वेदों में दिखाता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता संग्राम विश्व में अनोखा संग्राम था और यह हिंसा और सत्य के बीच की लड़ाई थी. हमारे संविधान ने देशवासियों को अधिकार दिया कि वह सरकार बना भी सकते हैं और बदल भी सकते हैं.
उन्नाव में रेप पीड़िता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 20-21 साल की लड़की होगी. बेटी के साथ बार-बार दुष्कर्म हुआ और लड़ने गई तो उसे मार डाला गया. थाने में पुलिस ने FIR लिखने से मना कर दिया. बेटी ने पिता को कहा कि यह मेरी लड़ाई है और मैं लड़ूंगी. उसे यह हिम्मत संविधान ने दी. इसी तरह उन्होंने आगरा और संभल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों को आशा देने वाला संविधान है. करोड़ों देशवासियों के संघर्ष ने कठिन परिस्थितियों से लड़ने की हिम्मत और न्याय की उम्मीद में संविधान की ज्योत लगाता जल रही है और संविधान जनता का एक सुरक्षा कवच है.
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