Manipur Violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य में पूर्ण समाधान लाने में समय लगेगा क्योंकि स्थिति गंभीर और नाजुक हो गई है.
Manipur Violence: मणिपुर में ताजा हिंसा के बाद हालात फिलहाल सामान्य हैं. इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बताया कि मणिपुर में पूरी तरह से शांति बहाली में कितना समय लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की ओर से स्थायी समाधान लाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. साथ ही AFSPA यानी सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम हटाने को लेकर भी बड़ा बयान दिया है.
जिलों में से AFSPA हटाने पर भी दी प्रतिक्रिया
दरअसल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को नुपी लान की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम इन बातों का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार राज्य में स्थायी समाधान लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं. हालांकि, मणिपुर में पूर्ण समाधान लाने में समय लगेगा क्योंकि स्थिति गंभीर और नाजुक हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने AFSPA पर कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से कई पुलिस थाने के इलाकों में लगाई गई AFSPA की समीक्षा करने और से हटाने का अनुरोध किया गया है.
इसके साथ ही उन्होंने राज्य के लोगों से राज्य में शांति एवं सौहार्द बहाल करने के सरकार के प्रयास में जनता से पूर्ण सहयोग और समर्थन भी मांगा. इसके बाद उन्होंने मीडिया के म्यांमार शरणार्थियों के साथ हो रहे व्यवहार पर पूछे गए सवालों पर कहा कि जो लोग आलोचना कर रहे हैं उन्हें यहां आकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए. उनके बीच कोई मतभेद नहीं है.
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महिलाओं-बच्चों की हत्या के बाद भड़की हिंसा
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आगे कहा कि म्यांमार शरणार्थियों के साथ संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत सरकार और मणिपुर सरकार की निगरानी में सही और समान व्यवहार किया जा रहा है. बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सेना की वर्दी में बड़ा हमला बोला था. इस दौरान उन्होंने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और जकुरादोर स्थित CRPF कैंप पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
साथ ही उन्होंने IDP यानी आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाले कैंप में भी हमला बोल दिया. हमले के बाद महिला और बच्चों समेत कुल 6 लोग लापता हो गए थे. बाद में 16 नवंबर से उनके शव बरामद होते ही मणिपुर में ताजा हिंसा की शुरुआत हो गई. इन शवों के मिलने के बाद गुस्साए लोगों की भीड़ ने कई विधायकों और मंत्रियों के आवास पर तोड़फोड़ और आगजनी भी की थी. हालात को काबू करने के लिए कई इलाकों में AFSPA लागू है और CAPF की कुल 288 कंपनियां तैनात हैं.
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