Winter Session Of Parliament 2024: विपक्ष ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग लेकर प्रस्ताव दिया है, जो राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं.
Winter Session Of Parliament 2024: सदन में इस समय शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस दौरान राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है.
राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच गतिरोध देखा जा रहा है. ऐसे में विपक्ष राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए गोलबंद हो गया है और पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी पेश कर दिया गया है.
प्रस्ताव पर 60 विपक्षी सदस्यों के हस्ताक्षर
जानकारी के मुताबिक मंगलवार की दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर यह प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी को सौंपा गया है. कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नदीम उल हक और सागरिका घोष ने यह प्रस्ताव सेक्रेटरी जनरल को दिया. बता दें कि इस पर कुल 60 विपक्षी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. सोनिया गांधी और किसी भी दल के फ्लोर लीडर ने हस्ताक्षर नहीं किया है.
सूत्रों के मुबातिक कांग्रेस, RJD, TMC, CPI, CPI-M, JMM, AAP और DMK के सदस्य शामिल हैं. विपक्षी पार्टियों यह प्रस्ताव संविधान के आर्टिकल 67-बी के तहत पेश किया है. बता दें कि विपक्ष ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने की मांग लेकर प्रस्ताव दिया है, जो राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं. उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए न्यूनतम सदस्यों की आवश्यक संख्या 50 है.
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अगस्त में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर हुई थी चर्चा
बता दें कि विपक्षी दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें सदन में नहीं बोलने देते हैं. विपक्ष कई मुद्दों को लेकर जगदीप धनखड़ से नाराज है. हाल में अदाणी और कांग्रेस-सोरोस को लेकर भी राज्यसभा में गतिरोध देखने को मिला. कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह समेत कई सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि इस साल अगस्त में भी I.N.D.I.A. ब्लॉक के नेताओं ने उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस देने पर भी विचार किया था.
बता दें कि संविधान का अनुच्छेद 67(B) यह कहता है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सदस्य के बहुमत से पारित प्रस्ताव और लोकसभा की सहमति से उनके पद से हटाया जा सकता है. हालांकि, कोई प्रस्ताव तब तक नहीं लाया जाएगा जब तक कि प्रस्ताव लाने से कम से कम चौदह दिन पहले नोटिस न दिया गया हो.
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