Foreign Minister Jaishankar on Iran and Israel relations : एस. जयशंकर ने कहा कि भूमध्य सागर में विशेष रूप से इजराइल के अलावा ग्रीस और मिस्र के साथ हमने इस सालों में जरूरी अभ्यास किए हैं.
09 December, 2024
Foreign Minister Jaishankar on Iran and Israel relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि इजराइल और ईरान के बीच संबंध चिंता का विषय है और भारत के कुछ कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे पर केंद्रित हैं. बहरीन में ‘मनामा डायलॉग’ में अपने संबोधन में जयशंकर ने लाल सागर में हूती चरमपंथियों के जहाजों पर हमलों का सीधे तौर पर उल्लेख किए बिना कहा कि भारत सुरक्षा हालात को ठीक करने में रुचि रखता है. इससे पहले बहरीन की दो दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की थी. इनमें संघर्षों को और फैलने से रोकना और क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार के मुद्दे शामिल हैं.
बताया कहां एक दशक में व्यापार करेंगे दोगुना
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हम सभी के लिए इजराइल और ईरान के बीच संबंध या इसका अभाव विशेष रूप से चिंता का विषय रहा है, इसलिए हमारे कुछ राजनयिक प्रयासों ने उस खास पहलू पर ध्यान केंद्रित किया है. हमारा व्यापार आज लगभग 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, वो भी इस दशक में कम से कम दोगुना होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है. ऐसे में हम इस दशक में इसे आराम से दोगुना करने की उम्मीद करते हैं.
देश से बाहर रही नौसैनिकों की उपस्थिति
विदेश मंत्री ने कहा कि वास्तव में अदन की खाड़ी, सोमालिया, उत्तरी अरब सागर में हमारे नौसैनिकों की उपस्थिति रही है. साल भर में ये लगभग 30 जहाज रहे हैं. एक समय में लगभग 12 जहाज थे, जिन्हें वहां तैनात किया गया था. उन्होंने कहा कि पिछले साल में हमने वास्तव में 24 रियल घटनाओं पर रिएक्ट किया है. इसके साथ ही 250 जहाजों को बचाया, जबकि 120 चालक दल के सदस्यों को बचाया. हम अपना योगदान दे रहे हैं, हम ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ऑपरेशन में हमारा अपना नेशनल लेवल नाम है.
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