Who Is Ram Niwas Goel: यह बात बेहद कम लोग ही जानते हैं कि राम निवास गोयल का RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बहुत पुराना और गहरा रिश्ता रह चुका है.
Who Is Ram Niwas Goel: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है. दिल्ली की शाहदरा विधानसभा सीट से मौजूदा AAP यानी आम आदमी पार्टी विधायक और दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए गुरुवार को चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया है.
बता दें कि राम निवास गोयल AAP के सबसे सीनियर नेता हैं. हालांकि, यह बात बेहद कम लोग ही जानते हैं कि उनका RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बहुत पुराना और गहरा रिश्ता था. वह साल 1993 में हुए चुनाव में पहली बार BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर आए थे.
करते हैं कांवड़ यात्रियों की सेवा
दिल्ली विधासभा की वेबसाइट के मुताबिक 76 वर्षीय राम निवास गोयल का जन्म 5 जनवरी 1948 को हरियाणा के सफीदों मंडी में हुआ है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंस राज कॉलेज से BA यानी बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की. राम निवास गोयल राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं.
खासकर वह कमजोर वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने और कांवड़ यात्रियों की सेवा करने में सक्रिय कई सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं. दिल्ली-यूपी बॉर्डर शिव कांवड़ समिति के मुख्य आयोजक भी रह चुके हैं. वर्तमान में वह साल 2015 से दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष हैं.
वेबसाइट के अनुसार वह दिल्ली की पहली विधानसभा में यानी साल 1993-98 तक विधायक चुने गए थे. यह चुनाव उन्होंने बतौर BJP प्रत्याशी लड़ा था. RSS से उस समय उनका सबसे गहरा रिश्ता था. हालांकि, रामनिवास गोयल को साल 1998 के चुनाव में शाहदरा सीट से BJP ने टिकट नहीं दिया. BJP ने उनकी जगह ज्योत्सना अग्रवाल को टिकट दिया और वह कांग्रेस के डॉ. नरेंद्र नाथ से चुनाव हार गई.
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अरविंद केजरीवाल के बने खास
BJP ने रामनिवास गोयल को दरकिनार कर साल 2003 में वेद व्यास महाजन और 2008 में अकाली दल के उम्मीदवार जितेंद्र सिंह शंटी (BJP के सिंबल पर चुनाव लड़े) को टिकट दिया. हालांकि, दोनों में कोई भी कांग्रेस के डॉ. नरेंद्र नाथ को मात नहीं दे पाया.
इस दौरान रामनिवास गोयल राजनीतिक तौर पर मजबूत होते ही जा रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि साल 2013 के चुनाव में BJP से टिकट मिल सकता है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जितेंद्र सिंह शंटी एक बार फिर BJP के सिंबल पर चुनाव लड़े और नरेंद्र नाथ के विजय रथ को रोक दिया.
गौरतलब है कि, इसी दौरान दिल्ली में साल 2012 में अन्ना हजारे के अनशन से AAP का जन्म हुआ. दिल्ली में AAP विपक्षी पार्टियों के मुकाबले मजबूत विकल्प बन कर उभर रही थी. इसी दौरान कभी RSS के करीबी रहे रामनिवास गोयल AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के खास बन गए.
साल 2015 में AAP के टिकट पर वह चुनाव जीत गए. इसके बाद वह साल 2020 के चुनाव में AAP के सिंबल पर चुनाव जीत गए. इसके बाद से वह साल 2015 से ही विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हैं.
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