10 February 2024
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को अवैध मदरसा गिराने को लेकर भड़की हिंसा के बाद अब हालात सामान्य बताए जा रहे हैं। शहर के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है। लेकिन बनभूलपुरा इलाके में अब भी धारा 144 लागू है। कई जगहों पर आज जरूरी सामान की दुकानें खोली गईं हैं लेकिन स्कूलों को बंद ही रखा गया है।
कुछ इलाकों से हटा कर्फ्यू
हल्द्वानी में सामान्य हो रहे हालात को लेकर एडीजी, कानून-व्यवस्था ए.पी. अंशुमन का कहना है कि प्रभावित इलाकों में लगातार चेकिंग की जा रही है और हालात काबू में है। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की हिंसा में शामिल 5 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है और 3 पर एफआईआर दर्ज की गयी हैं।
कई जगह इंटरनेट सेवाएं बंद
हिंसा के बाद सामान्य होते हालातों को देखते हुए और सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से अभी भी बंद हैं। एडीजी का कहना है कि फिलहाल बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू अभी भी लागू है। लोगों को समय-समय पर जरुरी सामान खरीदने की परमिशन दी जा रही है। तो वहीं काठगोदाम तक रेल सेवाएं भी शुरू कर दी गयी हैं।
हिंसा में 6 लोगों की मौत
अवैध मदरसा गिराने पर भड़की हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि दंगाईयों ने नगर निगम कर्मियों और पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके थे जिससे कई पुलिसकर्मियों को एक थाने की शरण लेनी पड़ी, लेकिन भीड़ ने इसे भी आग के हवाले कर दिया था।
क्यों भड़की थी हिंसा?
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को एक अवैध मदरसे और नमाज के लिए बनाई जा रही बिल्डिंग पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने ध्वस्त कर दिया। इसके बाद हजारों लोगों की भीड़ ने पुलिस और निगम की टीम पर हमला कर दिया था। घटना के बाद हिंसा भड़की जिसमें कई लोगों की मौत हो गई।
मायावती ने हिंसा पर जताई चिंता
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने हल्द्वानी में हुई हिंसा पर चिंता जताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। मायावती ने अपने ट्विटर हेंडल एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा और उसमें जान-माल का नुकसान अति-चिंतनीय है। अगर सरकार, प्रशासन और खुफिया तंत्र सतर्क होता तो इस घटना को रोका जा सकता था। सरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए और अमन-चैन भी कायम करे।