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Sambhal Violence: क्या साजिश रचकर संभल में की गई थी हिंसा या पुलिस प्रशासन से हुई थी चूक, जल्द होगा खुलासा

by Pooja Attri
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Sambhal Violence: क्या साजिश रचकर संभल में की कई थी हिंसा या पुलिस प्रशासन से हुई थी चूक, जल्द होगा खुलासा

Sambhal Violence : आयोग को अधिसूचना जारी होने के दो महीने के अंदर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है और समयसीमा को बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी.

29 November, 2024

Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश सरकार में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की है. जांच में यह पता लगाया जाएगा कि यह घटना अचानक हुई या किसी सुनियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा थी? इसके साथ ही घटना के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन और प्रशासन की तैयारियों की भी जांच की जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार, जांच आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे. जांच टीम में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी अरविंद कुमार जैन शामिल हैं.

मुख्‍य सचिव दीपक कुमार ने जारी अधिसूचना में क्या कहा?

उत्तर प्रदेश गृह विभाग के अपर मुख्‍य सचिव दीपक कुमार (Deepak Kumar, Additional Chief Secretary, Home Department, Uttar Pradesh) की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने जनहित में और पारदर्शिता के लिए गहन जांच करने की जरूरत पर जोर दिया है. अधिसूचना के मुताबिक, 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग 4 प्रमुख पहलुओं पर जांच करेगा. इसमें सबसे पहले यह पता लगाया जाएगा कि ये घटना थी या आपराधिक साजिश? इसके अलावा, आयोग जिला प्रशासन और पुलिस की तैयारियों की जांच करेगा. जांच में घटना की परिस्थितियों और कारणों का विश्लेषण करना भी शामिल है. इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों की सिफारिशें करेगा.

जामा मस्जिद के पहली बार सर्वेक्षण में क्या खुलासा हुआ?

गौरतलब है कि यूपी के संभल की एक कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार सर्वेक्षण किए जाने के बाद से ही तनाव पैदा हो गया. कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया था, जिसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था. वहीं, मस्जिद का 24 नवंबर को दोबारा सर्वेक्षण किए जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों औऱ पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए.

यह भी पढ़ें: संभल के पत्थरबाजों-उपद्रवियों पर योगी सख्त, चौराहों पर लगेंगे पोस्टर; नुकसान की भी होगी वसूली

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