Israel-Hezbollah Ceasefire: इजराइल और हिज्बुल्लाह ने 13 महीने से चल रही लड़ाई को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम समझौते की घोषणा कर दी है.
Israel-Hezbollah Ceasefire: युद्धग्रस्त मिडिल-ईस्ट से बहुत ही राहत भरी जानकारी सामने आई है. इजराइल और ईरान समर्थित लेबनानी मिलिशिया हिज्बुल्लाह ने 13 महीने से चल रही लड़ाई को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम समझौते की घोषणा कर दी है.
अमेरिका और फ्रांस ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कहा कि दोनों ही पक्षों ने अमेरिका की ओर से दिए गए शांति समझौते को स्वीकार कर लिया है.
60 दिनों में ब्लू लाइन पर होगी शांति स्थापित
युद्ध विराम की शर्तों के अनुसार 60 दिनों के दौरान हिज्बुल्लाह ब्लू लाइन यानी लेबनान और इजरायल के बीच अनौपचारिक सीमा से साथ लिटानी नदी (उत्तर में लगभग 30 किमी (20 मील) दूर) के बीच से अपने लड़ाकों और हथियारों को हटा लेगा.
इसके साथ ही लड़ाकों की जगह लेबनानी सेना की तैनाती की जाएगी. लेबनान की सेना यह सुनिश्चित करेगी हिज्बुल्लाह के इन्फ्रास्ट्रक्चर-हथियार हटा लिए जाएं और इनका फिर से निर्माण न किया जा सके. इसके लिए करीब 5 हजार सैनिकों की तैनाती की जाएगी.
वहीं, इजराइल भी 60 दिनों में ही अपनी सेना और नागरिकों को वापस बुला लेगा. बता दें कि इस कदम से दोनों देशों के नागरिक अपने घरों को लौट सकेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस बात की जानकारी दी है.
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दोनों पक्षों के बीच खत्म होगी शत्रुता
इजराइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल से समझौते को मंजूरी मिलते ही जो बाइडेन ने कहा कि उन्होंने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से बात की है.
बातचीत के बाद इजराइल और हिज्बुल्लाह ने आपसी विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को धन्यवाद देते हुए कहा कि समझौते के तहत अगले दिन स्थानीय समयानुसार सुबह 4:00 बजे से यह युद्ध विराम प्रभावी होगा.
उन्होंने दावा किया कि इस समझौते को शत्रुता की स्थायी समाप्ति के रूप में डिजाइन किया गया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हिज्बुल्लाह और अन्य आतंकी संगठनों के बचे हुए लोगों को फिर से इजराइल की सुरक्षा को खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
लेबनानी सरकार और सेना का होगा नियंत्रण
बता दें कि इजराइल हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह, हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी माने जाने वाले हाशिम सफीउद्दीन, ऑपरेशन हेड ब्राहिम अकील, मिसाइल-रॉकेट यूनिट हेड मोहम्मद कबीसी, हिज्बुल्लाह का सर्वोच्च कमांडर फौद शुक्र और साउथ फ्रंट कमांडर अली कराकी समेत हिज्बुल्लाह के टॉप लीडर्स का सफाया कर चुका है.
ऐसे में कई अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि हिज्बुल्लाह कमजोर हो गया है. उनका कहना यह भी है कि लेबनानी सरकार के लिए देश के सभी क्षेत्रों पर फिर से नियंत्रण स्थापित करने का समय है.
बता दें कि यह समझौता पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के नियमों का पालन करता है, जिससे साल 2006 में इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध को समाप्त हो गया था.
इस प्रस्ताव के तहत लिटानी नदी के दक्षिण के क्षेत्रों को लेबनानी राज्य और UNIFIL यानी संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अलावा किसी भी सशस्त्रकर्मी या हथियारों को उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
हालांकि, इस बार के समझौते में UNIFIL के लेबनान और इजराइल के साथ ही अमेरिका और फ्रांस भी शामिल हैं. हालांकि, क्षेत्र में कोई अमेरिकी लड़ाकू सैनिक नहीं होंगे, लेकिन लेबनानी सशस्त्र बलों के लिए सैन्य सहायता लगातार की जाएगी.
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