Glacial lakes in the Himalayas : 67 झीलों की पहचान की गई है जिसमें सतही एरिया में 40 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. इनकी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हुई है.
26 November, 2024
Glacial lakes in the Himalayas : हिमालयी क्षेत्रों में ग्लेशियलों झीलों के तेजी से विस्तार होने से खतरा बढ़ गया है और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है. साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने को लेकर भी चिंता जताई है. वहीं, तामपान में लगातार बढ़ोतरी होने से बीते 13 सालों में ग्लेशियल झीलों में करीब 10.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण ग्लेशियर झीलों का विस्तार हुआ है. पानी अधिक होने से बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है.
सतही क्षेत्रों में 33 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
NGT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेष सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 19 नवंबर को कहा कि रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भारत में ग्लेशियल झीलों का फ्लैट एरिया साल 2011 से 2024 तक 33.7 फीसदी बढ़ गया है. NGT ने कहा कि रिपोर्ट में इन झीलों के बारे में अचानक बढ़ोतरी का जिक्र किया गया है, जिसके कारण ग्लेशियल झील फटने से बाढ़ का खतरा अधिक बढ़ सकता है. यह सबसे ज्यादा डाउनस्ट्रीम समुदायों, बुनियादी ढांचे और बायो डायवर्सिटी के लिए विनाशकारी होगा.
ग्लेशियलों झीलों का विस्तार होने से 5 राज्यों को खतरा
रिपोर्ट में 67 झीलों की पहचान की गई है जिसमें सतही एरिया में 40 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. इनकी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हुई है. ट्रिब्यूनल पाया कि अब जोखिम को कम करने के लिए बेहतर निगरानी, बाढ़ प्रबंधन रणनीतियां और सतर्कता बरतने की जरूरत है. ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय पर्यावरण वन एवं और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान के निदेशक और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया.
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