07 February 2024
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएम ने केंद्र सरकार पर टैक्स रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूशन में राज्य की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। सीएम ने कहा कि केंद्र ने उनके राज्य के साथ टैक्स रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूशन में भेदभाव किया जो उनके साथ अन्याय है। सीएम का कहना है कि 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को कथित तौर पर होने वाले 1.87 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करे।
सिद्धरमैया ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत राज्यों, खासकर कर्नाटक को कर राजस्व बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले को 15वें वित्त आयोग ने बदल दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व के नुकसान को रोकने के लिए पुराने फॉर्मूले पर लौटने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि 14वें वित्त आयोग द्वारा इस्तेमाल किए गए फॉर्मूले को अपनाने के लिए वो नए वित्त आयोग को भी एक रिपोर्ट देंगे।
सूबे के मुखिया ने कहा कि ये विरोध बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि कर्नाटक के साथ हुए भेदभाव के खिलाफ है। सीएम ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम भारत सरकार द्वारा कर्नाटक और अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ किए गए भेदभाव का मुद्दा उठा रहे हैं। इसीलिए मैंने बीजेपी और जेडीएस के सभी सांसदों को चिठ्ठी लिखकर इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कहा था।’’
डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने क्या कहा
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक जीएसटी कलेक्शन में दूसरे नंबर पर है और देश के राजस्व में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना अधिकार मांग रहे हैं, अपना हिस्सा मांग रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से सूखा राहत के लिए धन मांगा था, लेकिन एक रुपया भी नहीं दिया गया।’’ शिवकुमार ने कहा, ‘‘हम कर्नाटक की आवाज हैं। हम न्याय की मांग करते हैं।’’
इस विरोध प्रदर्शन में उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार, राज्य के कई सांसद, मंत्री और विधायक शामिल रहें।
आपको बता दें कि माकपा के दिग्गज नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ 8 फरवरी को दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित उदासीनता के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।