Kalpana-Hemant Soren: झारखंड में जेएमएम ने लगातार दूसरी बार सत्ता में आकर हर किसी को हैरान कर दिया है. हेमंत और कल्पना सोरेन की पावर से इंडिया ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीत लिया है.
Kalpana-Hemant Soren: झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब जेल भेजे गए थे तब उसके बाद उन्होंने जिस तरह से कानूनी लड़ाई लड़ी, उसने उन्हें जनता के और करीब ला दिया.
Kalpana-Hemant Soren: आदिवासी अधिकारों की सियासत
हेमंत सोरेन आदिवासी अधिकारों की सियासत करते हैं. इसी वजह से आदिवासी बाहुल्य राज्य में उनकी एक खास पहचान बन गई है.
Kalpana-Hemant Soren: कल्पना ने जिम्मेदारी संभाली
इस बार के चुनावों में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने लगभग दो महीनों में तकरीबन 200 चुनावी रैलियों को संबोधित किया. एक तरह से कल्पना ने प्रचार की पूरी जिम्मेदारी संभाली.
Kalpana-Hemant Soren: राजनीति पहली पसंद नहीं
वैसे राजनीति कभी भी कल्पना की पहली पसंद नहीं थी. इसी साल 31 जनवरी को जब ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था तब कल्पना ने सियासत में कदम रखा.
Kalpana-Hemant Soren: सहानुभूति की लहर पैदा करने में कामयाब
इलेक्शन एक्सपर्ट के मुताबिक कल्पना आदिवासी मतदाताओं के बीच सहानुभूति की लहर पैदा करने में कामयाब रहीं जबकि बीजेपी एंटी इनकमबेंसी का फायदा उठाने में कामयाब नहीं हो पाई.
Kalpana-Hemant Soren: सरकार को अस्थिर करने के आरोप
हेमंत सोरेन ने प्रचार के दौरान बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के आरोप भी लगाए थे. बीजेपी नेताओं को हेमंत सोरेन ने पोचिंग मास्टर तक कह दिया था. हेमंत सोरेन ने ये भी कहा था कि वे एक आदिवासी मुख्यमंत्री को पांच साल का कार्यकाल पूरा करने को पचा नहीं पा रही है.
Kalpana-Hemant Soren: पिता की विरासत से प्रभावित रहा
10 अगस्त 1975 को नेमरा गांव में जन्मे सोरेन का जीवन उनके पिता शिबू सोरेन की राजनैतिक विरासत से प्रभावित रहा.
Kalpana-Hemant Soren: समर्थन से सबसे युवा मुख्यमंत्री बने
2013 में कांग्रेस और आरजेडी के समर्थन से सोरेन राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने.
Kalpana-Hemant Soren: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे
2023 की शुरुआत में, हेमंत सोरेन भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंस गए. 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
Kalpana-Hemant Soren: सबूतों के अभाव में मिली जमानत
लगभग पांच महीने जेल में रहने के बाद सोरेन को जून में झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. सबूतों के अभाव में हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने राहत दी थी.
Kalpana-Hemant Soren: राजनीति से प्रेरित थी गिरफ्तारी
हेमंत सोरेन ने तब लगातार कहा था कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी.
Kalpana-Hemant Soren: चुनौतियों के बीच बुलंद की आवाज
इन चुनौतियों के बावजूद, राज्य की आदिवासी आबादी के लिए उनकी मजबूत आवाज जनता को बहुत पसंद आई.
Kalpana-Hemant Soren: आदिवासी मुद्दों को दम खम से उठाया
आदिवासी मुद्दों को पूरे दम खम से उठाना हेमंत सोरेन की सियासत का सबसे जुदा अंदाज है. उन्होंने बार बार कहा है कि राज्य की आर्थिक वृद्धि में आदिवासियों का भी हिस्सा है जो उन्हें मिलना ही चाहिए.
Kalpana-Hemant Soren: चुनौतियों ने मजबूत बना दिया
तमाम चुनौतियों के बावजूद हेमंत सोरेन का नेतृत्व कफी लचीला बना हुआ है. राजनैतिक उथल-पुथल से निपटने की उनकी क्षमता ने उन्हें और मजबूत बना दिया है. जेएमएम ने आदिवासी अधिकारों पर एक मजबूत रुख को सामाजिक कल्याण पहल के साथ जोड़ा है और यही झारखंड में उनकी जीत की सबसे बड़ी वजहों में से एक है.