Home International पाकिस्तान के पहाड़ी इलाके में बिछी 33 लाशें, जानें क्यों कुर्रम बना ‘प्रेशर कुकर’, जो फटने के लिए है तैयार

पाकिस्तान के पहाड़ी इलाके में बिछी 33 लाशें, जानें क्यों कुर्रम बना ‘प्रेशर कुकर’, जो फटने के लिए है तैयार

by Divyansh Sharma
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Attack in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan firing 33 killed militants ambush vehicles

Attack in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan: हथियारों से लैस आतंकियों के हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 14 लोग घायल हो गए हैं.

Attack in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमले लगाता बढ़ते ही जा रहे हैं. बंदूकधारियों ने घात लगाकर हमला किया है.

हथियारों से लैस आतंकियों ने पेशावर जा रही गाड़ियों पर हमला किया. इस हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 14 लोग घायल हो गए हैं. इससे पहले मंगलवार की देर रात हुए आतंकी हमले में 12 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी.

तालिबान के प्रभुत्व वाले इलाके में हुई गोलीबारी

बता दें कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस तरह की हमलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ताजा हमला गुरुवार (21 नवंबर) को हुआ.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कुर्रम जिले के ओचट इलाके में पाराचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही तीन गाड़ियों पर बंदूकधारियों ने घात लगाकर हमला किया.

आतंकियों ने तीनों गाड़ियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. फारयरिंग में 30 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की जानकारी है. मारे गए लोगों में 6 महिलाएं और 3 बच्चे भी शामिल है. वहीं, हमले में 14 लोग घायल भी हो गए.

बंदूकधारियों की ओर से हुई गोलीबारी की घटना तालिबान के प्रभुत्व वाले इलाके हुई है. बता दें कि इस जिले में संघर्ष जारी है. इसे पाकिस्तान का प्रेशर कुकर भी कहा जाता है, जो फटने के लिए तैयार है.

Attack in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan firing 33 killed militants ambush vehicles

42 फीसदी से अधिक शिया समुदाय की आबादी

आदिवासी जिला यानी कुर्रम एक पाकिस्तान का पहाड़ी इलाका है. उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में अफगानिस्तान के साथ एक लंबी सीमा कुर्रम से लगी हुई है.

इस इलाके में करीब 7 लाख से ज्यादा आबादी रहती है. इसमें 42 फीसदी से अधिक आबादी शिया समुदाय की है. इस इलाके में शिया और सुन्नी समूहों के बीच लड़ाई का लंबा इतिहास रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2007 ले लेकर 2011 तक इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा का सबसे घातक दौर देखा गया था. इस दौरान 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.

यह इलाका पूरी तरह से सशस्त्र समूहों का गढ़ बन चुका है. इसमें सबसे ज्यादा सक्रिय हैं TTP यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया के आतंकी. दोनों ही आतंकी संगठन कट्टर शिया विरोधी हैं.

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46 लोगों की मौत के बाद हुई ताजा हिंसा की शुरुआत

बता दें कि आदिवासी जिले में शिया और सुन्नी जनजातियों के बीच ताजा हमलों की शुरुआत जुलाई के अंत में 46 लोगों की मौत के बाद हुई थी.

जुलाई की हिंसा के बाद 2 अगस्त को अंतर-जनजातीय युद्धविराम पर साइन भी किया गया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. सितंबर के अंत में हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे. इसके बाद 12 अक्टूबर को एक काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 15 से ज्यादा लोग मारे गए थे.

Attack in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan firing 33 killed militants ambush vehicles

हिंसा के कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को भी बंद कर दिया जाता है. इससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी होती है. इसके कारण खाना, अनाज दवाओं, पेट्रोल और डीजल की भी कमी देखने को मिलती है. साथ ही जमीनी विवादों का फायदा आतंकियों मिलता है, जिससे बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी जान चली जाती है.

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