Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कैंपेन थम गया है और बुधवार को मतदान किया जाएगा. लेकिन इस चुनाव में कई ऐसी सीटें रही हैं जिनकी काफी चर्चा हुई, इन्हीं सीटों पर हमने प्रकाश डालने की कोशिश की है.
19 November, 2024
Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर बुधवार (20 नवंबर, 2024) को मतदान किया जाएगा. चुनाव प्रचार के बाद यह राजनीतिक दल मुकाबले के लिए तैयार हो गए हैं. इस चुनाव में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति और महा विकास आघाड़ी (MVA) के बीच में है. BJP और कांग्रेस के बीच राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़ मची हुई है. बता दें चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने ताबड़तोड़ रैली की. साथ ही कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कई वरिष्ठ नेता ने जमकर प्रचार किया.
नागपुर साउथ वेस्ट से फडणवीस ने संभाली कमान
नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट से राज्य के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस चुनावी मैदान में है. ऐसे में उनकी निगाहें विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार अपने गढ़ को बचाने के लिए है. वह साल 2009 से नागपुर-दक्षिण-पश्चिम सीट से जीतते आ रहे हैं. इस सीट पर देवेंद्र फडणवीस को कांग्रेस के उम्मीदवार प्रफुल्ल गुडधे से टकराना है. जो अपनी गहरी जड़ों और जमीनी स्तर से जुड़ने वाले शख्स के रूप में पहचान बना रखी है. बताया जा रहा है कि प्रफुल्ल को BJP के प्रति उदासीनता, प्रशासन के प्रति गहरा असंतोष, सार्वजनिक सेवाओं और भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक नीतियों की चिंताओं पर फायदा मिल सकता है.
बारामती में होगा पवार बनाम पवार
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद यह दूसरा मुकाबला है जब बारामती सीट पर पवार बनाम पवार मैदान में टिके हैं. बारामती सीट से इस बार शरद पवार के पोते युगेन्द्र पवार को उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के सामने खड़े हैं. एनसीपी (शरद पवार) अपने पारंपरिक गढ़ में युगेंद्र का समर्थन कर रही है. दूसरी तरफ युगेंद्र बारामती सीट से प्रत्याशी बनकर अपने राजनीतिक डेब्यू की तैयारियों में लगे हुए हैं. वह इससे पहले सुप्रिया सुले के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके कैंपेन में जुटे हुए थे. बता दें कि बारामती सीट पर अजित पावर निर्विवाद नेता रहे हैं उन्होंने इस सीट पर साल 1991 के बाद से लगातार सात बार विजयी झंडा फहराया है. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने 1.95 लाख वोट के साथ 83 फीसदी मत हासिल कर रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की थी.
कोपरी-पचपाखड़ी सीट पर होगा ‘महा’ मुकाबला
ठाणे लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली कोपरी पाचपाखाड़ी में उद्धव ठाकरे से अलग होने से पहले ही एकनाथ शिंदे का दबदबा रहा है. यहां पर ठाणे के बालासाहेब कहे जाने वाले दिवंगत आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे को शिवसेना (यूबीटी) ने एकनाथ शिंदे के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने ठाणे में अपना कद इतना बढ़ा दिया है कि वहां से कोई नेता शायद उन्हें हरा दें. यहां पर एकनाथ शिंदे की जीत का सवाल नहीं बल्कि कितने वोटों से हराने का है. दूसरी तरफ आनंद दिघे को मुख्यमंत्री शिंदे अपना मार्गदर्शक मानते थे और उन पर आधारित मराठी फिल्म धर्मवीर-2 को फंड भी दिया था. यह फिल्म शिवेसना से जुड़कर राजनीतिक सफर और एकनाथ शिंदे के साथ नजदीकी संबंध को लेकर बनाई गई है.
वर्ली सीट पर शिवसेना बनाम शिवसेना
मुंबई की सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक वर्ली विधानसभा सीट पर एकनाथ शिंदे की अनुवाई वाली शिवसेना के प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा और उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे के बीच मुकाबले ने लोगों की धड़कन बढ़ा दी है. दक्षिण मुंबई के पूर्व सांसद देवड़ा मिलिंद मिडिल क्लास पर अपने अच्छी-खासी पकड़ बनाए हुए हैं. वहीं, इसी सीट से शिवसेना (यूबीटी) के प्रत्याशी आदित्य ठाकरे में अपनी ताल ठोक रहे हैं. साल 2019 में उन्होंने यहां से 89,248 मतों के साथ जीत दर्ज की थी. कोविड-19 के दौरान आदित्य ने लोगों की काफी मदद की थी जिसके बाद वह वर्ली में काफी मजबूत नेता के रूप में उभरे.
शिवाजी नगर सीट पर नवाब मलिक ने ठोका दावा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. पूर्व मंत्री और राज्य के कद्दावर नेता नवाब मलिक ने मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दिया था, लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी की रजामंदी के बगैर एनसीपी (अजित पवार) ने टिकट दे दिया. अब नवाब मलिक का मुकाबला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अबी आसिम आजमी मैं है, जबकि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सुरेश बुलेट पाटिल को मैदान में उतारा है. बता बता दें कि शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी नवाब मलिक को टिकट देने के पक्ष में नहीं थी लेकिन अंतिम दौर में आकर एनसीपी (अजित पवार) ने टिकट दे दिया. दरअसल, मामला यह है कि BJP ने नवाब मलिक के संबंध दाऊद इब्राहिम से होने को लेकर काफी आलोचना भी की थी.
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