रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में ‘आईएनएस संधायक’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। आईएनएस संधायक चार ‘सर्वे वेसल लार्ज’ पोतों में से पहला है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एसवीएल जहाज महासागरों के बारे में जानकारी लेने के अलावा देश के साथ-साथ दूसरों की रक्षा करने में काफी मदद करेगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि समुद्री लुटेरों और तस्करी में शामिल लोगों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने की भारतीय नौसेना की सराहना
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर में अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी जैसे कई बिंदु मौजूद हैं, जिनके जरिए बड़ी मात्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। इन बिंदुओं पर कई खतरे बने रहते हैं, जिनमें सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं से है। उन्होंने न केवल भारतीय जहाजों बल्कि मित्र देशों के जहाजों को भी सुरक्षा देने कि लिए भारतीय नौसेना की सराहना की।
110 मीटर लंबी है पोत
एक अधिकारी के मुताबिक, सिंह ने हिंद महासागर में अवैध और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने को रोकने के साथ ही अलग देशों के बीच नेविगेशन, व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता बनाए रखने का संकल्प दोहराया। आईएनएस संधायक का निर्माण ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स’ यानी जीआरएसई, कोलकाता में किया गया। बता दें कि 3,400 टन वजनी ये पोत 110 मीटर लंबी है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं।