Booker prize 2024: इस साल 2024 का बुकर पुरस्कार ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे को मिला है. पुरस्कार सामंथा हार्वे की किताब ‘ऑर्बिटल’ के लिए मिला है.
Booker prize 2024: किताबों के लिए सबसे बड़े पुरस्कार यानी बुकर पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है. इस साल 2024 का बुकर पुरस्कार ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे को मिला है.
पुरस्कार सामंथा हार्वे की किताब ‘ऑर्बिटल’ के लिए मिला है. इसके साथ ही अंतरिक्ष पर लिखी गई किसी पहली किताब को बुकर पुरस्कार भी मिला है.
इस किताब की कहानी अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद छह अंतरिक्ष यात्रियों के एक दिन की कहानी है, जो इस किताब की कहानी को दिलचस्प बनाता है. इसके साथ ही उन्हें 50 हजार पाउंड मिलेंगे.
पहली किताब को भी पुरस्कार देने के लिए चुना गया
लंदन शहर के ओल्ड बिलिंग्सगेट में मंगलवार शाम को आयोजित एक समारोह में सामंथा हार्वे को पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
जूरी मेंबर्स में शामिल पुरस्कार विजेता ब्रिटिश भारतीय संगीतकार नितिन साहनी, उपन्यासकार सारा कोलिन्स, ‘द गार्जियन’ अखबार की फिक्शन संपादक जस्टिन जॉर्डन और चीनी अमेरिकी लेखिका और प्रोफेसर यियुन ली ने कहा कि हम एक ऐसी किताब खोजने के लिए दृढ़ थे जो हमें प्रभावित करे और ऑर्बिटल वही किताब है.
बता दें कि सामंथा हार्वे को साल 2009 में उनके पहले उपन्यास ‘द वाइल्डरनेस’ को भी बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था. द वाइल्डरनेस, ऑल इज सॉन्ग, डियर थीफ और द वेस्टर्न के बाद ऑर्बिटल उनकी पांचवीं किताब है.
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ब्रिटेन में बिक चुकी हैं 29 हजार प्रतियां
‘ऑर्बिटल’ को पिछले साल 2023 में प्रकाशित किया गया था. इसके साथ ही इस किताब की ब्रिटेन में 29 हजार प्रतियां बिक चुकी हैं. इस किताब में अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद छह अंतरिक्ष यात्रियों के एक दिन के जीवन का जिक्र किया गया है.
एक दिन में पृथ्वी के 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्तों की कहानी को खूबसूरत ठंग से किताब प्रेमियों के सामने प्रस्तुत किया है. बता दें कि इस किताब में सिर्फ 136 पेज ही हैं. ऐसे में वह दूसरी सबसे छोटी पुस्तक है.
सामंथा हार्वे ने पुरस्कार ज जीतने के बाद कहा कि उन्होंने कहा ‘ऑर्बिटल’ लिखना लगभग छोड़ ही दिया था.
इसका कारण बताते हुए कहा कि आखिर कोई क्यों अपनी डेस्क पर बैठी एक महिला से अंतरिक्ष के बारे में लिखना सुनना चाहेगी या कल्पना करना चाहेगा कि अंतरिक्ष में होना कैसा होता है.
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