Supreme Court Verdict On Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं.
Supreme Court Verdict On Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए कहा कि घर सबका सपना होता है, यह बरसों का संघर्ष है और सम्मान का प्रतीक है.
अगर कोई घर गिराया जाता है, तो अधिकारी को साबित यह करना होगा कि यही आखिरी रास्ता उनके पास था. सरकारी अफसर खुद न्यायाधीश नहीं बन सकते है.
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने फैसला सुनाते हुए देश भर में 15 दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस पर अब नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं.
‘बुलडोजर का आतंक अब जरूर होगा समाप्त’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर BSP बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने अपने X हैंडल पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर विध्वंसों से जुड़े आज के फैसले और कड़े दिशा-निर्देशों के बाद यह उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों की सरकारें जनहित-जनकल्याण का सही से प्रबंधन करेंगी.
उन्होंने आगे कहा कि बुलडोजर का हर ओर छाया आतंक अब जरूर समाप्त होगा.
इस पर CPI-M यानी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी नेता वृंदा करात ने भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे पीड़ितों को न्याय मिला है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि यह फैसला पहले आ जाता, तो इससे BJP के नेतृत्व वाले राज्यों में कई घरों पर बुलडोजर चलाने की नौबत नहीं आती.
बुलडोजर से नहीं, संविधान से चलेगा देश: कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी इस पर बयान किया गया. कांग्रेस के X हैंडल पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला और यह टिप्पणी BJP सरकार में बुलडोजर के नाम पर नफरत फैलाने वालों पर करारा तमाचा है.
कांग्रेस के पोस्ट में BJP सरकार में बुलडोजर नफरत की राजनीति को हवा देने का हथियार बन चुका है.
दावा किया गया कि यह कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने का जरिया बन चुका है. साथ ही कहा गया कि अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि देश नफरती बुलडोजर से नहीं, संविधान से चलेगा.
शिवसेना-UBP सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपने X पोस्ट पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बांट रहे थे , काट रहे थे, बुलडोजर चला रहे थे. तभी सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान का एक थप्पड़ अपने आज के वर्डिक्ट से जड़ दिया!
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनाया फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने सोमवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद और समेत कई राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते फैसला सुनाया है.
पीठ ने साफ तौर पर कहा है कि केवल इस आधार पर किसी व्यक्ति के मकान/संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है कि वह किसी अपराध में आरोपी या दोषी करार दिया गया है. किसी भी अपराध पर फैसला सुनाना न्यायपालिका का काम है.
पीठ ने पूरे भारत में बुलडोजर कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि ध्वस्तीकरण के आदेश पारित होने के बाद भी, उस व्यक्ति को कुछ समय देना होगा.
इस दौरान पीठ ने कहा कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को रात भर सड़क पर घसीटते देखना सही नहीं है. अगर अधिकारी कुछ समय तक रुक जाएंगे, तो उन पर कोई विपत्ति नहीं आएगी.
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