Introduction
National Cancer Awareness Day 2024: दुनियाभर में तेजी से कैंसर के केस बढ़ते जा रहे हैं. हर साल कैंसर की वजह से लाखों लोगों की मौत हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो, कैंसर के कई ऐसे प्रकार होते हैं जिन्हें निरंतर प्रयास के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसे लोग जिनके परिवार में पहले से ही कोई कैंसर का रोगी रहा हो, उन लोगों को कैंसर के प्रति बेहद अलर्ट रहना चाहिए. वहीं, भारत में कैंसर के शुरुआती लक्षण, उपचार और रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 7 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 2014 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने की थी.
Table Of Content
- क्या कहता है WHO ?
- क्या है इस दिन इतिहास ?
- क्यों मनाया जाता है यह दिवस ?
- क्या है साल 2024 की थीम ?
- राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस से जुड़े फैक्ट्स
- लाइफस्टाइल
- सिगरेट और शराब
- अनहेल्दी डाइट
- फिजीकली इनएक्टिव
- कैंसर के लक्षण और इलाज
- शुरुआती लक्षण
- लंबे समय तक घाव का न भरना
- ब्लेडर या बॉवल में बदलाव
- शरीर में गांठ महसूस होना
- खांसी का लगातार होना
- निगलने में दिक्कत
- इन सेलेब्स ने जीती कैंसर से जंग
- सोनाली बेंद्रे
- मनीषा कोइराला
- महिमा चौधरी
क्या कहता है WHO?
‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कैंसर के खतरे को लेकर लोगों को शिक्षित करता है. इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कैंसर ऐसी घातक बीमारियों में से एक है जो लोगों को मौत के घाट उतार सकती है. इनमे से प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा फैसले वाले कैंसरों में से एक हैं.
क्या है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस का इतिहास?
‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ की शुरुआत साल 2014 में स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने की थी. ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ को मनाने का मकसद कैंसर के प्रति लोगों में अवेयरनेस फैलाना है. इसी के चलते साल 1975 में राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसमें कैंसर के उपचार की सुविधा प्रदान की गई. बता दें कि कैंसर के दो-तिहाई मामले ऐसे होते हैं जिसमें कैंसर का पता लास्ट स्टेज में जाकर लगता है.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस ?
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है. भारत में कैंसर के बढ़ते केसों को देखते हुए ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ (National Cancer Awareness Day in Hindi 2024) मनाने का निर्णय लिया गया. कैंसर से जुड़े आंकड़ों और रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडिया में हर साल 1.5 मिलियन से अधिक कैंसर के नए केस सामने आते हैं. इसी को देखते हुए कैंसर के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने और वक्त रहने इसका पता लग सके, जैसे कारणों की वजह से यह कदम उठाया गया.
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क्या है साल 2024 की थीम ?
‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ के लिए हर साल एक डिफरेंट थीम रखी जाती है. साल 2024 में ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ की थीम कैंसर के शुरुआती लक्षण, उपचार और रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर फोकस करता है. साल 2023 में इसकी थीम ‘देखभाल की कमी को पूरा करें’ थी, जिसमें सभी के लिए समान कैंसर देखभाल के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया था.
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस से जुड़े फैक्ट्स
- साल दर साल भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती जा रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम में कैंसर के केस सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं.
- इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ‘लैन्सेट’ की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में कैंसर से होने वाली 67 प्रतिशत महिलाओं की मौत रोकी जा सकती है.
- भारत में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के मामले देखे गए हैं जो महिलाओं में पाया जाता है.
- भारत में कैंसर की वजह से औरतों की मौत होने का एक बड़ा कारण लैंगिक असमानता को माना गया है.
- साल 2020 की एक रिपोट्स की मानें तो भारत में कैंसर से 7.70 लाख लोगों की मौत हुई.
इसके बारे में हेल्थ एक्पर्ट्स का कहना है कि कैंसर के खतरे को बढ़ाने में दिनचर्या और खान-पान की खराब आदतें जिम्मेदार होती हैं. अगर इन आदतों के बारे में लोगों को अवेयर किया जाए तो कैंसर से बचाव कर पाना आसान हो सकता है. ऐसे में जानते हैं कौन से हैं वो कारण या आदतें जो कैंसर के लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं.
लाइफस्टाइल
कैंसर रोग विशेषज्ञों की मानें तो खराब लाइफस्टाइल को ठीक कर लिया जाए तो कैंसर के खतरे को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. कई स्टडी में पाया गया है कि उम्र के साथ-साथ व्यक्ति में कैंसर बढ़ने का खतरा पैदा हो जाता है, हालांकि आज के समय की खराब जीवनशैली को देखते हुए बच्चे भी कैंसर का जल्दी शिकार हो सकते हैं. इसके अलावा धूम्रपान, अनहेल्दी आहार, ज्यादा वजन और फिजीकली इनएक्टिव रहने से भी कैंसर होने का जोखिम बना रहता है.
सिगरेट और शराब
कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है धूम्रपान करना. यह कैंसर से होने वाली 80 से 90 प्रतिशत मौतों की वजह बनता है. बता दें कि तम्बाकू के धुएं में कार्सिनोजेन्स नामक तत्व पाया जाता है जो कोशिकाओं में पाए जाने वाले DNA को हानि पंहुचाता है. ऐसे ही शराब के अधिक सेवन से शरीर में कई प्रकार के कैंसर पैदा होने का जोखिम बढ़ जाता है जिसमें, एसोफैगल, कोलोरेक्टल और लिवर शामिल हैं.
अनहेल्दी डाइट
कई ऐसे आहार भी हैं जिन्हें कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है जैसे – प्रोसेस्ड और रेड मीट के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बना रहता है. मीट में नाइट्राइट और नाइट्रेट जैसे कार्सिनोजेनिक यौगिक पाए जाते हैं, जिससे आंत की परत को नुकसान हो सकता है. इसी तरह से चीनी के अधिक सेवन से शरीर में सूजन बढ़ सकती है जो कैंसर के साथ-साथ कई बड़ी बीमारियों को बढ़ावा देने का काम करती है.
फिजीकली इनएक्टिव
शरीर को हेल्दी और फिट रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है. जो लोग बिल्कुल व्यायाम नहीं करते वह मोटापे का शिकार हो जाते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो मोटापा कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है. ऐसे में शरीर में कैंसर बनने का जोखिम बना रहता है.
कैंसर के लक्षण और इलाज
कैंसर शब्द की उत्पत्ति यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने 460-370 ईसा पूर्व में की थी. इन्हें ‘चिकित्सा के जनक’ कहा जाता है. कैंसर के सामान्य शुरुआती लक्षणों की बात की जाए तो बुखार, भूख में कमी, वजन का घटना, मुंह से खून आना और खांसी है. इसके अलावा कैंसर के शरीर में कई अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें. इस बीमारी के इलाज की बात की जाए तो कीमोथेरेपी रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी है. इसके अलावा इस बीमारी से बचने के लिए इम्यूनोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी भी की जाती है. वहीं, नॉन- सर्जिकल ट्रीटमेंट और सर्जिकल ट्रीटमेंट भी इसके इलाज में शामिल हैं.
कैंसर के शुरुआती लक्षण
अगर आपको मल या यूरीन में ब्लीडिंग हो रही है तो इसे इग्नोर बिल्कुल न करें. यह कैंसर के शुरुआती लक्षण की ओर इशारा हो सकता है. इसके अलावा अगर आपकी बॉडी के किसी भी पार्ट जैसे पीनिस या निपल्स से डिस्चार्ज हो रहा है तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें.
लंबे समय तक घाव का न भरना
आमतौर पर शरीर में होने वाले घाव वक्त के साथ-साथ भर जाते हैं, लेकिन अगर आपका कोई घाव लंबे समय तक ठीक या भर नहीं रहा है तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें. बता दें कि घाव भरने में देरी, खून बहना और उसमें ज्यादा दर्द होना कैंसर की ओर इशारा करता है.
ब्लेडर या बॉवल में बदलाव
कैंसर के शुरुआती लक्षणों में बॉवल या ब्लेडर की आदतों में बदलाव होने लगता है. मल के रंग, आकार, स्थिरता में बदलाव यानी कब्ज या दस्त शामिल होते हैं. इसके अलावा मल या यूरीन में खून दिखना कैंसर के शुरुआती लक्षण में से एक हो सकता है.
शरीर में गांठ महसूस होना
अगर आपको शरीर के किसी अंग या ब्रेस्ट में गांठ फील हो रही है तो इसे इग्नोर बिल्कुल न करें. गांठ कैंसर का शुरुआती लक्षण मानी जाती है. ऐसे में बेहतर होगा कि जैसे ही आपको गांठ महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से इसकी जांच कराएं.
खांसी का लगातार होना
अगर आप लंबे समय से खांसी की समस्या से जूझ रहे हैं और दवा आदि के बाद भी यह ठीक नहीं हो रही है तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है. इसके अलावा सांस लेते वक्त आवाज में बदलाव या घरघराहट होना और थूक के साथ खून निकलना भी कैंसर की ओर इशारा है.
निगलने में दिक्कत
अगर आप अपने गले या ब्रेस्ट में दवाब महसूस कर रहे हैं और साथ ही आपको थूक निकलने में भी दिक्कत हो रही हैं तो तुरंत सावधान हो जाइए. इसके अलावा कम खाना खाने के बाद भी पेट भरा हुआ फील हो रहा है तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श करें.
इन सेलेब्स ने जीती कैंसर से जंग
सोनाली बेंद्रे
सोनाली बेंद्रे को साल 2018 में मेटास्टैटिक कैंसर के बारे में पता चला. फिर न्यूयॉर्क में उन्होंने इस बीमारी का इलाज कराया. सोनाली अब पूरी तरह से ठीक हैं और वह कैंसर जागरूकता के लिए एक ग्रेट एडवोकेट बन चुकी हैं. वह अक्सर अपनी स्टोरी बताते हुए वह लोगों को रेग्यूलर चेकअप कराने की सलाह देती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कैंसर के खतरों और लक्षणों के बारे में भी लोगों को जागरुक किया.
मनीषा कोइराला
बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस मनीषा कोइराला भी ओवेरियन कैंसर का शिकार हो चुकी हैं. उन्होंने US में इसका इलाज कराया और कैंसर से जंग जीती. ठीक होने के बाद मनीषा ने इसके बारे में लोगों को अवेयर करने और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को इंस्पायर करने के लिए अपनी जर्नी शेयर की.
महिमा चौधरी
साल 2021 में एक्ट्रेस महिमा चौधरी को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चला. उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में इसका ट्रीटमेंट कराया था. फिर 1 साल से ज्यादा वक्त तक जंग लड़ने के बाद महिमा बिल्कुल ठीक हो गई थीं. महिमा इस घातक बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. वह कैंसर से जूझ रही टीवी एक्ट्रेस हिना खान के लिए भी हिम्मत बनीं.
Conclusion
कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है. इसके बढ़ते मामलों मामलों को देखते हुए हर साल 07 नवंबर को ‘राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस’ (National Cancer Awareness Day) मनाने का फैसला लिया गया. कैंसर से जुड़ी रिपोर्ट्स और आंकड़ों की मानें तो हर साल कैंसर के 1.5 मिलियन से ज्यादा मामले दर्ज होते हैं. ऐसी स्थिति को देखते हुए कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया.
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