Sharda Sinha Death: बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा को ऑक्सीजन लेवल गिरने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया था. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
Sharda Sinha Death: बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा को ऑक्सीजन लेवल गिरने के कारण वेंटिलेटर पर रखा गया था.दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. 71 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. लंबे समय से शारदा सिन्हा अस्पताल में भर्ती थी.
बिहार में शोक की लहर
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने खुद इसकी जानकारी दी है. उनके जाने से पूरे बिहार में शोक की लहर दौड़ गई है. एक तरफ जहां मंगलवार से नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई हैं. वहीं, दूसरी तरफ बिहार ने अपनी ‘बिहार कोकिला’ और ‘भोजपुरी कोकिला को खो दिया. जिनके गीतों के बीना छठ महापर्व अधूरा है वो छठ पूजा के पहले दिन ही हमें छोड़ कर चली गई. शारदा सिन्हा ने न केवल मैथिली और भोजपुरी धुनों के देहाती आकर्षण को सामने लाया है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी उन्होंने बचा कर रखा.
ऑल इंडिया रेडियो से की करियर की शुरुआत
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था. शारदा सिन्हा ने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपने करियर की शुरुआत की थी.
हिंदी में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा
शारदा सिन्हा को बचपन से ही संगीत का माहौल मिला. उनका ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में था, ऐसे में उन्हें मैथिली लोकगीत सुनने का मौका मिला. यहीं से फिर संगीत के प्रति उनका प्रेम बढ़ता चला गया. शारदा सिन्हा ने सिर्फ मैथिली ही नहीं भोजपुरी, मगही और हिंदी में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा है.
छठ महापर्व उनके गीतों के बीना अधूरा
शारदा सिन्हा को छठ गीतों के लिए जाना जाता है. ‘केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध गाने उन्होंने गाए हैं. उनके गीतों के बीना छठ महापर्व अधूरा है. शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज दी है. सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ का गाना ‘काहे तो से सजना’ उन्होंने ने ही गाया है. इसके अलावा और भी कई गाना उन्होंने गाए हैं.
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सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से किया गया सम्मानित
शारदा सिन्हा को 1991 में ‘पद्म श्री’ और 2018 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया है. शारदा सिन्हा ने बिहार की संस्कृति को देश के कोन-कोने तक पहुंचाया है.
बिहार कोकिला का मिला खिताब
‘बिहार कोकिला’ और ‘भोजपुरी कोकिला’ जैसे खिताबों से शारदा सिन्हा को नवाजा गया है. इसके अलावा ‘भिखारी ठाकुर सम्मान’, ‘बिहार गौरव’, ‘बिहार रत्न’, और ‘मिथिला विभूति’ सहित कई अन्य पुरस्कार भी उन्हें मिले हैं.
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