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Chhath Puja 2024: आखिर क्यों की जाती है छठ पूजा ? जानिए क्या है इस पर्व का धार्मिक महत्व

by Pooja Attri
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Chhath Puja 2024: आखिर क्यों की जाती है छठ पूजा ? जानिए क्या का इस पर्व का धार्मिक महत्व

Chhath Puja 2024: छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला महापर्व है. यह त्योहार साल में 2 बार चैत्र और कार्तिक माह में मनाया जाता है. आइए जानते हैं आखिर क्यों की जाती है छठ पूजा.

03 November, 2024

Chhath Puja 2024: छठ पूजा (Chhath Puja 2024) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर मुख्य तौर पर उत्तर प्रदेश, झरखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है. इस दिन छठी माता और सूर्य देव का विधि-विधान से पूजन और कठिन व्रत का धारण किया जाता है. यह (Chhath Puja 2024) 4 दिनों तक चलने वाला एक महापर्व है. यह त्योहार साल में 2 बार चैत्र और कार्तिक माह में मनाया जाता है. इस महापर्व की शुरुआत 05 नवंबर को नहाय-खाय से होने जा रही है. आइए जानते हैं आखिर क्यों की जाती है छठ पूजा.

छठ पूजा क्यों की जाती है? (Why Chhath Puja is Celebrated?)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा का पर्व सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और उन्हें धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान सूर्य देव की बहन छठी मईया के पूजन का भी विधान है. वहीं, छठ पूजा को लेकर लोगों के बीच कई कथाएं प्रचलित हैं. उन्हीं में से एक है पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में साम्ब श्रीकृष्ण के पुत्र कुष्ट रोग से पीड़ित थे. रोग को दूर करने के लिए उन्हें बांकेबिहारी ने सूर्य देव की आराधना करने की सलाह दी. फिर साम्ब ने सूर्य देव का विधि-विधान और सच्चे मन से पूजन किया, जिसके परिणाम स्वरूप साम्ब को कुष्ट रोग से मुक्ति मिल गई. इसके बाद पुत्र साम्ब ने 12 सूर्य मंदिर बनवाए, जिसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर है. इसके अलावा सूर्य देव का एक मंदिर बिहार के औरंगाबाद में भी स्थित है जिसे देवार्क सूर्य मंदिर के नाम से जाना जाता है.

मान्यतानुसार, जब चिरकाल में असुर और देवताओं के बीच युद्ध हुआ तो इसमें देवताओं को हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद इसी स्थान पर (देवार्क सूर्य मंदिर) पर देव माता अदिति ने संतान की प्राप्ति के लिए छठी मईया की कठिन तपस्या की. फिर उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर छठी माता ने अदिति को एक तेजस्वी पुत्र को जन्म देने का वरदान दिया. फिर कालांतर में भगवान आदित्य का छठी मईया के आशीर्वाद से अवतार हुआ. जब आदित्य बड़े हुए तो उन्होंने देवताओं का प्रतिनिधित्व कर देवताओं को असुरों से जीत दिलाई. तभी से संतान और परिवार की सुरक्षा और पुत्र प्राप्ति के लिए छठ पूजा की जाती है. छठ पूजा करने से व्यक्ति को छठी मईया का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे जीवन सुखमय बना रहता है.

यह भी पढ़ें: कब है Chhath Puja 2024? नहाय खाय से लेकर आखिरी दिन तक जानें इस महापर्व से जुड़ी सभी डिटेल्स

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