2017 Money Laundering Case : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे सत्येंद्र जैन के सह-आरोपी को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है. दोनों आरोपियों को यह जमानत पूर्व मंत्री के राहत देने के 10 दिन बाद दी है.
29 October, 2024
2017 Money Laundering Case : दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन से जुड़े कथित धन शोधन के एक मामले में दो आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन को जमानत दे दी है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने दिल्ली के पूर्व मंत्री को राहत देने के 10 दिन बाद वैभव जैन और अंकुश जैन को जमानत दी है. बता दें कि कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुकदमें देरी और लंबी कैद का हवाला देते हुए जमानत दी थी.
दोनों आरोपी सत्येंद्र जैन के व्यापारिक साझेदार
यह मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोपों से जुड़ा हुआ है. प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वैभव जैन और अंकुश जैन दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के बिजनेस पार्टनर थे और उन्होंने अपराध को अंजाम देने में पूरी मदद की थी. वहीं, 30 सितंबर को हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इस आधार पर मना कर दिया था कि क्योंकि उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र कथित रूप से अधूरा था.
8.6 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा की
वहीं, ईडी ने कहा था कि वैभव जैन और अंकुश जैन ने इनकम टैक्स डिस्क्लोजर स्कीम के तहत सत्येंद्र जैन को बचाने के लिए 8.6 करोड़ रुपये की अघोषित आय की घोषणा की थी. इन दोनों आरोपियों ने पहले पुरानी तारीख के डॉक्यूमेंट तैयार किए और उसके बाद 5 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग जैसा अपराध करने का काम किया. जबकि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. साथ ही वैभव जैन और अंकुश जैन को 30 जून, 2022 को गिरफ्तार किया था. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला साल 2017 सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है.
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