Dhanteras-Diwali Shubh Muhurat: धनतेरस से रोशनी के त्योहार दीवाली की शुरुआत हो जाती है. आइए ज्योतिषियों से जानें धनतेरस और दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त.
25 October, 2024
Dhanteras-Diwali Shubh Muhurat: देशभर में दीवाली धूम मची हुई है. लोग बेसब्री से दीपोत्सव का इंतजार कर रहे हैं. धार्मिक मान्यतानुसार, दीवाली का पर्व भगवान राम 14 साल वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने के जश्न के तौर पर मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान घर-घर में दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत किया गया था. बता दें कि दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस दिन से रोशनी के त्योहार दीवाली की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस हेल्थ के देवता भगवान धन्वंतरि के सम्मान में मनाया जाता है. इस दिन सोने-चांदी की चीजें या बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. आइए ज्योतिषियों से जानें धनतेरस और दीवाली पूजा का शुभ मुहूर्त.
कब है धनतेरस?
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम का कहना है कि भगवान धन्वंतरि का प्राकट्योत्सव हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ही मनाया जाता है और ये पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इस साल त्रयोदशी 30 अक्टूबर की मध्यान्ह बेला में 01:12 मिनट पर हैं. इस हिसाब से धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, शाम 06:19 मिनट से लेकर रात 08:15 मिनट तक है.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बारे में ज्योतिषी पंडित कौशल्यानंद वर्धन का कहना है कि त्रयोदशी 30 अक्टूबर की रात 10:51 मिनट के बाद से शुरू हो जाएगी. धनतेरस का पर्व प्रदोष व्यापिनी काल में मनाया जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन और ध्यान फूल चढ़ाकर करें. साथ मीठे का भोग लगाकर मां लक्ष्मी की आराधना करें. इससे आपको भगवान धन्वंतरी की विशेष कृपा प्राप्त होगी. वहीं दीवाली के दिन भी भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के पूजन का समय तय है.
कब मनाई जाएगी दीवाली?
ज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने आगे बताया कि इस दीपाली का महापर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त अमावस्या तिथि के शुरू होने ठीक 7 मिनट बाद 03:40 मिनट से शुरू हो जाएगा. अगर आप अपने प्रतिष्ठा का पूजन करना चाहते हैं तो 03:40 मिनट पर अपने नवीन प्रतिष्ठान की पूजा कर सकते हैं. वहीं, लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05:15 मिनट से लेकर रात 08:55 मिनट तक है.
दीवाली शुभ मुहूर्त
ज्योतिषी पंडित कौशल्यानंद वर्धन भी आगे बताया कि इस साल दीवाली 31 तारीख को 03 बजकर 11 मिनट तक दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष को चतुर्दशी है. बता दें कि प्रदोष व्यापिनी और रात्रि व्यापिनी अमावस्या तिथि में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है. गोधूली बेला में इसका पूजन करना बेहद शुभ है क्योंकि इस बेला में राक्षसों की गति तेज हो जाती है. यहां आपको बता दें कि इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर और उसके 2 दिन बाद यानी 31 अक्टूबर को दीवाली का पर्व मनाया जाएगा.
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