Bihar Politics : बिहार की राजनीति में वोट तो जातियों के नाम पर डाले जाते रहे हैं लेकिन अब परिवारवाद का भी बोलबाला है. इस मामले में कोई भी राजनीतिक दल अपने आपको पाक-साफ नहीं कह सकता है.
21 October, 2024
Bihar Politics : बिहार की राजनीति में जाति को लेकर हमेशा चुनावी शंखनाद फूंका जाता है, लेकिन अब राजनीति में परिवारवाद भी चरम पर पहुंच गया है. बिहार में ज्यादातर राजनीतिक दल इससे अछूते नहीं है. लेकिन इस कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कम्युनिष्ट पार्टी थोड़ी पीछे जरूर दिखाई देती हैं लेकिन वह भी इससे अछूती नहीं है. आपको बताते चलें कि केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की पुत्रवधू दीपा मांझी को उपचुनाव में इमामगंज सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, इसी रूप में जीतनराम पर भी परिवारवाद की एक नई कड़ी जुड़ गई है. यह तब हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) लगातार RJD और कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते रहते हैं.
RJD पर लगता है परिवारवाद का आरोप
NDA के भीतर जीतनराम मांझी और रामविलास पासवान का परिवार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. अब यह बात साफ है कि RJD पर लगातार इस बात का आरोप लगता रहता है कि वह परिवारवादी पार्टी है. लेकिन अब उसको अपने दामन से यह दाग धोने के लिए इन पार्टियों को टारगेट कर सकती है. आमतौर से लालू परिवार पर राजनीति में परिवारवाद का आरोप लगता रहा है लेकिन बीते तीन दशकों से राज्य के कई राजनीतिक दल इससे पाक-साफ नजर नहीं आते हैं.
पासवान परिवार भी इससे अछूता नहीं
बताते चलें कि 90 के दशक में कांग्रेस के कद्दावर नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा का उदाहरण सबसे पहले आता है जगन्नाथ मिश्रा के भाई विजय मिश्र और बेटे नीतीश मिश्रा जो अभी नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री हैं भतीजे ऋषि मिश्रा विधायक रहे हैं जिसके कारण यह सभी वंशवाद और परिवारवाद के दायरे में आते हैं. इसके बाद रामविलास पासवान परिवार आता है जहां पर रामविलास पासवान के परिवार में तीनों भाई सांसद केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, इसके अलावा तीसरी पीढ़ी के चिराग पासवान केंद्रीय मंत्री हैं और दामाद अरूण भारती सांसद हैं. वहीं, तीसरे नंबर पर लालू यादव परिवार आता है जहां लालू प्रसाद प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी प्रदेश की सीएम बन चुकी हैं. साथ ही दोनों बेटे तेजस्वी-तेजप्रताप अभी राजनीति में सक्रिय हैं और बेटी मीसा भारती सांसद हैं.
सम्राट चौधरी के पिता भी रहे थे मंत्री
वहीं, भारतीय जनता पार्टी में राज्य के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी लालू यादव के शासनकाल में मंत्री रह चुके हैं. बिहार के अलावा बंगाल, झारखंड, यूपी, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र, महाराष्ट्र समेत ऐसे कई और राज्य हैं जहां परिवारवादी पार्टियों का बोलबाला है. यहां एक ऐसी राजनीति प्रथा दिखेगी जहां राजनीतिक सत्ता एक परिवार से दूसरे परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती है.
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इनपुट- अमित सिंह