Home Religious Mahakumbh 2025 के आयोजन का बन गया प्लान, UP के काबिल अफसर संभालेंगे मेले का जिम्मा

Mahakumbh 2025 के आयोजन का बन गया प्लान, UP के काबिल अफसर संभालेंगे मेले का जिम्मा

by Live Times
0 comment
Mahakumbh 2025 के आयोजन का बन गया प्लान, UP के काबिल अफसर संभालेंगे मेले का जिम्मा

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के महाआयोजन को लेकर प्रयागराज में अपने सबसे काबिल अफसरों की फौज तैनात कर दी है.

21 October, 2024

कमलेश सिंह, प्रयागराज: महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के महाआयोजन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में अपने सबसे काबिल अफसरों की फौज तैनात कर दी है. CM योगी की मंशा के अनुरूप सभी अफसर महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने में जुट गए हैं. तमाम तैयारियों के बीच CM योगी ने संगम तट की शोभा और प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले बड़े हनुमान मंदिर के जीर्णोधार पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ ही कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. CM योगी ने हाल ही में खुद आकर यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया था. CM के आगमन के बाद महाकुंभ के पहले अब यहां श्रद्धालुओं की आमद में कई गुना इजाफा हो गया है. जो निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्हें देखते हुए स्पष्ट है कि इस महाकुंभ के दौरान बड़ा हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सबसे अधिक श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र होगा.

CM योगी की पहल दिखा रही असर

महाकुंभ 2025 से पहले योगी सरकार प्रयागराज और यहां के धर्मस्थलों को सजाने संवारने में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ 2025 को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने के लिए प्रशासनिक टीमें दिन-रात लगी हुई हैं. करीब 700 वर्ष पुराने इस मंदिर को भव्य रूप देने का इससे पहले किसी के मन में विचार नहीं आया. पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर ध्यान दिया और अब उनकी पहल रंग ला रही है. CM के प्रयास से मंदिर का सौंदर्यीकरण ऐतिहासिक रूप से किया जा रहा है. प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के स्वरूप में बदलाव के तहत सबसे पहले मंदिर के गर्भगृह को बड़ा किया जाएगा. इसी के साथ परिक्रमा पथ, दुकानें, पार्किंग, प्रवेश द्वार और रैन बसेरा व हवन कुंड आदि बनाए जा रहे हैं. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और जनता को पहली बार संगम स्नान के बाद बड़े हनुमान जी का मंदिर अभूतपूर्व ढंग से अपनी ओर आकर्षित करेगा.

मंदिर का है पौराणिक महत्व

प्रयागराज के कोतवाल माने जाने वाले लेटे हुए हनुमान मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 24 घंटे काम चल रहा है. हनुमानजी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है. माना जाता है कि यह धरातल से कम से कम 6 या 7 फीट नीचे है. इन्‍हें बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी और बांध वाले हनुमानजी के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इनके दाएं पैर के नीचे अहिरावण दबा हुआ है. उनके दाएं हाथ में राम-लक्ष्‍मण और बाएं हाथ में गदा शोभित है.

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा

बड़े हनुमान मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता है कि लंका पर जीत के बाद जब हनुमान जी सेना के साथ वापसी कर रहे थे, तो उन्हें थकान लगी. इसके बाद माता सीता के कहने पर वह वहीं संगम के तट पर लेट गए. इसी को ध्‍यान में रखते हुए लेटे हुए हनुमानजी का मंदिर बन गया. ऐसा माना जाता है गंगा का पानी लेटे हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श करता है, फिर नीचे उतर जाता है.

अकबर को पीछे खिसकानी पड़ी किले की दीवार

ऐतिहासिक तीर्थ नगरी में बड़े हनुमान मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं. माना जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान अकबर बंगाल अवध के साथ मगध और पूर्वी भारत में होने वाले विद्रोह पर नियंत्रण करना चाहता था, जिसके लिए साल 1582 में मंदिर को अपने किले के घेरे में लेने की योजना बनाई गई. इसके लिए उन्होंने बाकायदा 100 सैनिकों की फौज खड़ी कर दी, मगर वह हनुमान जी की मूर्ति को एक इंच भी न हिला सके, जिसके बाद उन्होंने किले की दीवार पीछे खिसका ली.

यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: जोरों पर महाकुंभ मेले की तैयारियां, उत्तर प्रदेश सरकार लोगों को उपलब्ध कराएगी यह सुविधा

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Times News. All Right Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00